• गुलाब जामुन के मावे में मैदा न मिलाकर आटा मिलाएं.
• तुरई और गिलकी कड़वी निकलने पर फेंकें नहीं, उनके आसपास के डंठल सहित सब्जी बघार दें. सब्जी परोसते समय डंठल निकाल लें. कड़वापन नहीं रहेगा.
• तिल कतली, काजू कतली आदि को पॉलीथिन के अंदर रखकर बेल दें, फिर काटें. शेप खराब नहीं होगा.
• हलवे में सूखी चीनी न डालकर शकर की चाशनी बनाकर डालें.
• ग्रेवी की रंगत सुर्ख करने के लिए मसालों के साथ जरा-सा चुकंदर कस दें.
• दही भल्ले की पिसी दाल में जरा-सा मैदा मिलाकर फेंटें.
• ककड़ी कड़वी लगे तो उसके बीज का हिस्सा निकाल कर फेंक दें. ककड़ी धोकर सब्जी बनाने के काम में लें. बीज से कड़वापन जाता रहेगा.
• आंवले के आचार को देर तक पीला रखने के लिए उसमें जरा-सी शकर डाल दें.
• बादाम को थोड़ी देर पानी में उबालें तो छिलके आसानी से उतर जाएंगे.
• गाजर को कम समय में छीलना हो तो उसे गरम पानी में पांच मिनट तक भिगोकर रखें और छीलने से दो मिनट पूर्व उसे ठंडे पानी में डालें.