Friday, November 22, 2024
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ISRO का सफर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने तक…

by sonali
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भारत ने अपना स्पेस रिसर्च प्रोग्राम 1962 में शुरू किया था। लंबे वक्त तक इसरो बेहद लिमिटेड रिसोर्सेज के साथ काम करता रहा। 1981 में भारत ने जब अपना छठा सैटेलाइट एप्पल लॉन्च किया था, तब इसे पैलोड तक बैलगाड़ी से ले जाना पड़ा था। आज भारतीय के स्पेस एजेंसी इसरो ने 104 सैटेलाइट एकसाथ लॉन्च करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। भारत का अंतरिक्ष सफर…

  • इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च (इन्कोस्पार) ने भारत के स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत 1962 में की थी।
  • इन्कोस्पार टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के तहत काम करती थी।
  • यह बाद में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) में बदल गई। इसरो की स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी।

ऐसे-ऐसे बढ़ता गया सफर….

54 साल पहले लॉन्चिंग

  • भारत ने अपना पहला रॉकेट 21 नवंबर 1963 को लॉन्च किया था।
  • यह एक नाइक अपाचे रॉकेट था, जिसे अमेरिका से लिया गया था।
  • इसे सिर्फ लॉन्चिंग की ताकत परखने के लिए छोड़ा गया था।

58 साल पहले पहला रॉकेट

भारत में बना पहला रॉकेट रोहिणी-75 था, इसे 20 नवंबर 1967 को लॉन्च किया गया था। यह रॉकेट टेक्नोलॉजी बनाने की ताकत परखने के लिए था।

42 साल पहले पहला सैटेलाइट

  • आर्यभट्ट भारत का पहला सैटेलाइट था। इसे 19 अप्रैल 1975 को लॉन्च किया गया था।
  • 360 किलोग्राम वजनी इस सैटेलाइट का नाम प्राचीन भारत के एस्ट्रोनॉमर आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था।
  • आर्यभट्ट को मैसेज भेजने के लिए बहुत बड़े एंटेना का इस्तेमाल किया जाता था।

38 साल पहले पहला रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट

  • 7 जून 1979 को इसरो ने अपना दूसरा सैटेलाइट भास्कर-1 लॉन्च किया था।
  • यह भारत का पहला रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट था।
  • भास्कर-1 की भेजी फोटो का इस्तेमाल जंगल, पानी और समुद्र के बारे में जानकारी जुटाई जाती थी।

24 साल पहले लॉन्च हुआ PSLV

  • पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) इसरो का पहला ऑपरेशनल लॉन्च व्हीकल है।
  • इसने पहले उड़ान 20 सितंबर 1993 को भरी थी। हालांकि, यह लॉन्चिंग नाकाम रही थी।
  • यह इसरो का अभी तक का सबसे कामयाब लॉन्च व्हीकल है।
  • PSLV ने अब तक 39 उड़ान भरी हैं, जिनमें से 37 पूरी तरह कामयाब रही हैं।

ये तीन कामयाबी जिन्होंने दुनिया को चौंकाया

चंद्रयान-1

  • इसरो ने इसे 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया था। इसने 30 अगस्त 2009 तक काम किया।
  • इसके साथ ही भारत चंद्रमा पर मौजूदगी दर्ज कराने वाला छठा देश बन गया।
  • इससे पहले अमेरिका, रूस, जापान, चीन और यूरोप अपने स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा पर भेज चुके हैं।

मंगलयान-1

  • 5 नवंबर 2013 को इसे लॉन्च किया गया।
  • इस ग्रह पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाला अमेरिका और रूस के बाद भारत तीसरा देश बना।
  • इस मिशन की सबसे खास बात ये रही कि इसरो ने यह कामयाबी पहली ही कोशिश में हासिल की।
  • इसके अलावा अमेरिका और रूस के मिशन की तुलना में इसकी लागत बेहद कम थी। इसे सिर्फ 400 करोड़ रुपए में पूरा किया गया।

104 सैटेलाइट्स एकसाथ लॉन्च किए

  • 15 फरवरी 2017 को भारत ने एकसाथ 104 सैटेलाइट्स स्पेस में भेजकर रूस का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
  • रूस के नाम एक बार में 37 सैटेलाइट्स भेजने का रिकॉर्ड था।
  • इससे पहले भारत एक बार में 23 सैटेलाइट्स तक भेज चुका था।

आगे क्या है इसरो की प्लानिंग?

  • इसरो आने वाले वक्त में सन, वीनस, जूपिटर पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की तैयारी में है।
  • वह मून और मार्स पर दोबारा अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने वाला है।

15 फरवरी 2017 को क्या हुआ?

  • इसरो ने 15 फरवरी को एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च किए। अभी तक किसी भी देश ने एक साथ इतने सैटेलाइट लॉन्च नहीं किए हैं।
  • सबसे ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड फिलहाल रूस के नाम था। उसने 2014 में एक बार में 37 सैटेलाइट्स लॉन्च किए थे।

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