Tajmahal का नाम आपने जरूर सुना होगा। जिसे महोब्बत की निशानी भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल किसने बनवाया था, या ताजमहल कहां स्थित है। इसके अलावा ताजमहल का रहस्य क्या है। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं ताजमहल से जुड़ी ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातों के बारे में।
भारत में ऐसी कई ऐतिहासिक इमारत मौजूद हैं जिनका भ्रमण करने लोग दुनियाभर से आते हैं। इनमें चाहे लोटस टेम्पल हो, लाल किला हो, पुराना किला हो, कुतुब मिनार हो या फिर ताजमहल हो। लोग न केवल इन ऐतिहासिक इमारतों की खूबसूरती निहारने आते हैं।
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बल्कि इनसे जुड़े इतिहास की बारिकियों को भी समझने का प्रयास करते हैं। आज हम भारत में मौजूद एक ऐसी ही ऐतिहासिक इमारत के बारे में आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देंगे। हम बात कर रहे हैं ताजमहल की। ताजमहल किसने बनवाया था या ताजमहल किसने बनाया था। इसके अलावा ताजमहल के अंदर क्या है और यह कैसे मोहब्बत की निशानी क्यों कहलाता है। साथ ही ताजमहल के रहस्य पर से भी पर्दा उठाएंगे।
ताजमहल क्या है – What is Taj Mahal in Hindi
ताजमहल एक मकबरा है, जिसका निर्माण मुगल शासन के दौरान कराया गया था। ताजमहल का निर्माण शाहजहां ने शुरू करवाया था। जिसे बनने में लगभग 20 साल लग गए थे। साथ ही बताया जाता है कि ताजमहल को बनाने के लिए 22000 मजदूर लगाए गए थे और तब जाकर यह 20 साल में तैयार हुआ था। भारत के दूसरी ऐतिहासिक इमारतों के मुकाबले यह अधिक खास इसलिए भी है क्योंकि कहा जाता है कि शाहजहां ने इसे अपनी सबसे प्यारी पत्नी मुमताज की याद के तौर पर बनवाया था। यही कारण भी है कि आज पूरी दुनिया ताजमहल को प्यार की निशानी के तौर जाना करती थी।
ताजमहल कहां स्थित है
यह सवाल अक्सर लोगों के जेहन में आता है कि ताजमहल कहां स्थित है। आपको बता दें कि भारत के अंदर यूपी में आगरा के अंदर ताजमहल स्थित है। आगरा के अंदर मौजूद इस एतिहासिक इमारत को देखने के लिए लगभग हर रोज 1600 लोग आते हैं। इतनी बड़ी संख्या में विश्व के किसी भी स्थान को देखने के लिए लोग नहीं जाते।
ताजमहल कब बनाया गया था
कहा जाता है कि ताजमहल की नींव साल 1632 में रखी गई थी। भारत के आगरा शहर में यमुना नदी के दक्षिणी तट के पास ही ताजमहल स्थित है। यह मकबरा लगभग 42 एकड़ के भीतर फैला हुआ है। ताजमहल का निर्माण करीब 1653 पूरा हो चुका था। हालांकि इसका ढांचा तो 1643 में ही तैयार हो गया था। लेकिन इसके बाकि बचे हुए कामों को करने में करीब 10 साल अधिक लगे थे। इसलिए यह 1653 में ही बनकर पूरी तरह तैयार हुआ था।
ताजमहल बनाने का खर्च –
ताजमहल जिस समय पर बनाया गया था उस समय के अनुसार इसकी लागत इतनी ज्यादा थी कि एक ताजमहल बनने के बाद मुगल खजाना लगभग खाली होने की कगार पर पहुंच गया था। यही कारण भी है जिसकी वजह से शाहजहां के बेटे ने एक ताजमहल बनने के बाद ही अपने पिता को कारागार में बंद कर दिया था। इतिहासकारों के मुताबिक इसे उस समय बनाने में 32 मिलियन रुपए का खर्च आया था, जिसकी आज की कीमत करीब लाखों करोड़ में है।
ताजमहल का इतिहास और उपलब्धि – Tajmahal History
ताजमहल दुनिया की उन गिनी चुनी इमारतों में से एक है, जिसे न केवल विश्व विरासत स्थल के रूप में जाना जाता है। बल्कि यह दुनिया के 7 अजूबों में से एक है। आपको बता दें क 1983 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की सूची में इसे शामिल किया गया था। वहीं साल 2007 के अंदर विश्व के 7 अजूबों की सूची में भी शामिल किया गया था।
ताजमहल से जुड़ी कुछ खास जानकारी – Important Things About Tajmahal
- शाहजहां ने मुख्य रूप से संगमरमर राजस्थान के मकराना से मंगवाया था। ऐसे ही अलग-अलग 28 बेशकीमती रत्न चाइना, अफगानिस्तान, तिब्बत, पंजाब श्रीलंका, अरब से मंगवाए गए थे। यह 28 प्रकार के कीमती रत्न जो कि संगमरमर में जड़े गए थे इन्हें आगरा लाने के लिए एक हजार हाथी से भी ज्यादा हाथी भेजे गए थे।
- ताजमहल किसने बनाया था का जवाब शाहजहां है। आपको बता दें ताजमहल शाहजहां के द्वारा ही बनवाया गया था।
- ताजमहल में घूमने जाने के लिए भारतीयों को केवल 40 रूपए भरने होते हैं। वहीं विदेशी सैलानियों को इसे देखने के लिए करीब 1000 रूपए तक खर्च करने पड़ते हैं।
- ताजमहल भारत के आगरा शहर के दक्षिणी यमुना तट पर स्थित है।
- ताजमहल की जो चार मीनार हैं वह एकदम सीधी दिखती हैं पर सीधी नहीं है। ऊपर से थोड़ी बाहर की तरफ झुकी हुई है जिससे कि भूकंप जैसी आपदा आने पर यदि यह मीनारें गिरे भी तो बाहर की ओर गिरे। मुख्य मकबरे को कोई नुकसान ना पहुंचे।
- 15 साल से छोटे बच्चों की ताजमहल में जाने के लिए कोई भी टिकट नहीं लगती।
- ताजमहल देखने के लिए प्रतिदिन 1600 से ज्यादा लोग आते हैं।
- कुछ समय पहले ताजमहल को हिंदू शिव मंदिर भी कहा जाने लगा था। कहा जाता था कि इसका निर्माण किसी मुगल ने नहीं बल्कि हिंदूओं ने करवाया था। बाद में मुस्लिम शासन ने इसे मकबरे में तब्दील कर दिया था। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है। इस बात की जांच हो रही हैं।
- यह जानकर आपको हैरानी होगी कुतुब मीनार सबसे ऊंची मीनार है। परंतु ताजमहल की ऊंचाई इससे भी ज्यादा है। कुतुब मीनार 72.5 m है और ताज 73 मीटर लंबा।
- ताजमहल अगर देखने जाना चाहते हैं तो ध्यान रहे कि शुक्रवार को यह बंद रहता है। इसलिए शुक्रवार को यहां घूमने का प्लान बिल्कुल न बनाएं।
- यह कैलीग्राफी थे लुट लिपि में बनायी गयी है। जिसे अब्दुल हक ने लिखा था ईन्हें शाहजहां ने ईरान से बुलाया था। उन की चकाचौंध करने कर देने वाली कला को देखकर शाहजहां ने उन्हें अमानत खान नाम उपाधि के रूप में दिया।
निष्कर्ष
दोस्तों हमने आपको अपने इस लेख में बता दिया है कि ताजमहल किसने बनवाया,ताजमहल कहां स्थित है और ताजमहल से जुड़ा इतिहास क्या है। अब अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो हमारे इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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