Brain Stroke Meaning in Hindi. आज कल के समय में हम ऐसी – ऐसी भयंकर समस्याओं से घिरे हुए हैं। जिनके एक बार हो जाने पर हमें सारी उम्र दवाओं और उपचार प्रक्रिया में ही रहना पड़ता है। ऐसी ही एक समस्या है ब्रेन स्ट्रोक। आमतौर पर यह शब्द लोगों को बहुत ज्यादा साधारण प्रतीत होता है। लेकिन आपको बता दें कि यह मस्तिष्क से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिसकी वजह से कई दूसरी दिक्कते भी पैदा हो सकती हैं।
आज हम आपको अपने इस लेख में ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण, ब्रेन स्ट्रोक के कारण, और ब्रेन स्ट्रोक के आयुर्वेदिक उपचार से लेकर दवा तक के बारे में सारी जानकारी देंगे। साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि आपकी कौन सी आदतें ब्रेन स्ट्रोक को जन्म दे सकती हैं। आइए जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक के बारे में।
ब्रेन स्ट्रोक क्या है – What is Brain Stroke Meaning in Hindi
हमारे मस्तिष्क को सही प्रकार कार्य करने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है और यह ऑक्सीजन हमारे मस्तिष्क को रक्त के जरिए प्राप्त होता है। लेकिन जब मस्तिष्क को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलता या मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचना बंद हो जाता है तो इसी स्थिति को ब्रेन स्ट्रोक कहा जाता है। लोग आसानी से इस शब्द का मतलब समझ पाएं इसलिए इसे ब्रेन अटैक भी कहा जाता है। ब्रेन स्ट्रोक के कुल दो टाइप होते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के प्रकार
इस्केमिक स्ट्रोक – इस स्थिति के दौरान व्यक्ति के मस्तिष्क में खून जमा हो जाता है और ऑक्सीजन दिमाग तक नहीं पहुंचता। इसे ही इस्केमिक स्ट्रोक भी कहा जाता है। आपको बता दें कि आज के समय में ब्रेन स्ट्रोक के आने वाले मामलों में से 87 प्रतिशत इस्केमिक स्ट्रोक के ही होते हैं।
हेमरैजिक स्ट्रोक – इस स्थिति के अंदर व्यक्ति के दिमाग की नस फट जाती है और रक्त प्रवाह अनियंत्रित हो जाता है। यह स्थिति मरीज के लिए खतरनाक होती है। जब भी व्यक्ति को हेमरैजिक स्ट्रोक आता है। उस दौरान व्यक्ति को सर्जरी के जरिए ही ठीक किया जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के कारण – Causes of Brain Stroke in Hindi
दोस्तों किसी भी समस्या से बचाव रखने के लिए जरूरी है कि आप उसके मूल कारणों की जान लें। इसलिए अब हम बात करते हैं ब्रेन स्ट्रोक के कारणों की।
फैमिली हिस्ट्री
अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में लोग ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित रहें तो यह आपको भी हो सकता है। ऐसे लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है।
शारीरिक गतिविधि ना होना
अगर आप पूरे दिन अक्सर बैठ कर ही गुजार देते हैं या किसी तरह की शारीरिक क्रिया नहीं करते, तो यह भी आपके ब्रेन स्ट्रोक की वजह बन सकता है। इसके लिए नियमित एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है।
धूम्रपान का सेवन
धूम्रपान का सेवन करना ब्रेन स्ट्रोक की सबसे बड़ी वजह माना गया है। धूम्रपान को छोड़कर आप आसानी से इस समस्या से बचे रह सकते हैं।
मोटापा
हमारे शरीर में बहुत सी समस्याओं की जड़ केवल मोटापा है। वहीं अगर आप मोटे हैं तो आपको भी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा पैदा हो सकता है।
हाई बीपी
ऐसे लोग जो पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं उन लोगों को ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में खुद की सेहत का ध्यान रखने के लिए शरीर की जांच जरूर कराते रहें और अपनी उपचार प्रक्रिया का भी पालन करें।
हाई कोलेस्ट्रॉल
अगर आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत ज्यादा है तो आपको भी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक हो सकता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का प्रयास करें।
डायबिटीज
डायबिटीज एक ऐसा रोग है जिसमें जरा सी लापरवाही आपको कई दूसरे भयंकर रोग भी दे सकता है। डायबिटीज के दौरान आंखों का अंधापन, किडनी खराब होना और ब्रेन स्ट्रोक जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण – Symptoms of Brain Stroke in Hindi
दोस्तों ब्रेन स्ट्रोक के कारण जानने के बाद इसके लक्षणों पर भी एक नजर डाल लेते हैं। इनके जरिए आप जान पाएंगे कि ब्रेन स्ट्रोक से पहले शरीर किस तरह प्रतिक्रिया देता है।
ब्रेन स्ट्रोक से पहले लक्षण
- अगर किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक आने वाला हो तो उसकी आंखों की दृष्टि में असंतुलन आ जाता है।
- अगर आपका शरीर अचानक सुन्न पड़ गया है तो यह एक ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण है।
- जब किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक आने वाला हो तो उसे शरीर के एक हिस्से में कमजोरी महसूस हो सकती है।
- ब्रेन स्ट्रोक आने से पहले कई बार लोगों का मुंह टेढ़ा हो जाता है या काम करना बंद कर देता है। इसे आम भाषा में लकवा मारना भी कहा जाता है।
- अगर किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक होने वाला हो तो उन्हें बोलने में दिक्कत आने लगती हैं। यह भी ब्रेन स्ट्रोक का एक लक्षण है।
- आमतौर पर जिन लोगों को ब्रेन स्ट्रोक आने वाला होता है उन्हें दूसरों को समझने में दिक्कत आने लगती है।
- ब्रेन स्ट्रोक आने से पहले या बाद में व्यक्ति बेहोश होकर गिर जाता है। यह भी ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण है।
फैटी लिवर के कारण, लक्षण और उपचार जानिए
ब्रेन स्ट्रोक का उपचार – Treatment of Brain stroke in Hindi
ब्रेन स्ट्रोक के दौरान बहुत सी उपचार प्रक्रिया के द्वारा व्यक्ति की जान बच सकती है। आपको बता दें कि अगर ब्रेन स्ट्रोक को समय पर ना समझा जाए और उपचार न किया जाए तो यह व्यक्ति की मौत का भी कारण बन जाता है। आइए जानते हैं इसकी उपचार प्रक्रिया में।
ब्रेन स्ट्रोक में उपचार प्रक्रिया
इस्केमिक स्ट्रोक – इस तरह के स्ट्रोक में व्यक्ति को एक इंजेक्शन दिया जाता है। जिससे ब्लड क्लॉट घुल जाता है। हालांकि यह 4 घंटे के अंदर ही देना होता है। वहीं कई बार दूसरी तरह के उपचार की भी जरूरत होती है।
हेमरेजिक स्ट्रोक – अगर किसी व्यक्ति हेमरेजिक स्ट्रोक आया हो तो इस दौरान डॉक्टर सर्जरी के विकल्प पर ही काम करते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक का आयुर्वेदिक उपचार
दोस्तों अब तक ब्रेन स्ट्रोक के आयुर्वेदिक उपचार पर किसी तरह की कोई रिसर्च नहीं हुई है। लिहाजा इस बारे में कहना मुश्किल है कि आयुर्वेद के जरिए ब्रेन स्ट्रोक का उपचार किया जा सकता है या नहीं।
निष्कर्ष
दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको Brain Stroke in Hindi में क्या होता है, बता दिया है। इसके अलावा आपने ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में भी जान लिया है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें।
पूछे जाने वाले सवाल
-
ब्रेन स्ट्रोक से बचे रहने के लिए क्या करना चाहिए?
अगर आप ब्रेन स्ट्रोक से बचे रहना चाहते हैं तो आप इसके लिए एक सही जीवन शैली, डाइट, एक्सरसाइज को जिंदगी में शामिल करें। इसके जरिए आप पूरी तरह स्वस्थ रह सकते हैं।
-
ब्रेन स्ट्रोक की दवा क्या है ?
ब्रेन स्ट्रोक की कई दवा हैं, लेकिन यह मरीज की स्थिति के आधार पर ही दी जाती है। ऐसे में अपनी मर्जी से किसी भी दवा का सेवन ना करें।
-
ब्रेन स्ट्रोक की रिकवरी में कितना समय लगता है?
यह बात मरीज की उपचार प्रक्रिया और कितन समय में मरीज को उपचार मिला इस बात पर निर्भर करती है। आमतौर पर अगर किसी व्यक्ति को 3 से 4 घंटे में अगर इंजेक्शन दे दिया जाए तो, उसके रिकवरी का समय बेहद छोटा होता है। वहीं यह समय बढ़ता है तो रिकवरी का समय भी लंबा हो जाता है।
Thalassemia – 3 Common Myths and Reality