जैसा कि हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में मोटरकार (Automobile) का इस्तेमाल होता हुआ देख रहे हैं। हमारी जिंदगी उन पर पूरी तरीके से निर्भर हो गई है। आज 100 लोगों में 80 लोगों के पास कार जरूर होती है। इससे समय की बचत और कई सारे फायदे हैं। बच्चों को स्कूल ले जाना, वापस लाना, पुरुषों का काम पर जाना और आना ऐसे ही कई सारे कामों में ऑटोमोबाइल एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। जब कार के किसी पार्ट में कोई ख़राबी आती है तो नए पार्ट्स कार में लगाए जाते हैं। कार लम्बे समय तक चले इसके लिए ऑटोमोबाइल पार्ट्स अच्छी कंपनी के और ठोस होने चाहिए।
ऑटोमोबाइल पार्ट्स एक मुख्य रोल अदा करते हैं। अच्छे ऑटोमोबाइल पार्ट से किसी भी वाहन की लाइफ बढ़ जाती है और उसमें किसी भी तरीके की तकनीकी कमी नहीं आती। वह सालों साल तक चलते हैं।ऑटोमोबाइल पार्ट्स सही कंपनी के होना और उनकी समय-समय पर रिपेयरिंग होना बहुत जरूरी है। सही कंपनी और अच्छे ऑटोमोबाइल पार्ट्स से कोई भी वाहन लंबे समय तक चलता है और उसमें किसी भी प्रकार की खराबी आने का अंदेशा भी कम होता है।
आइए जानें कार (Automobile) के मुख्य पार्ट्स के बारे में
ऑटोमोबाइल (Automobile) के कुछ जरूरी पार्ट्स हम यहां आपको बता देते हैं-
- फील्ड साइकिल, गियर, बाल जॉइंट, स्टार्टर्स, कार्बन ब्रश, टाई रोड़ एंड, रोटर्स, ब्रेक पाइप, फ्यूल लाइन, इंजन, बोल्ट, नट्स, टी बोर्ड, हब बोल्ट, यू बोल्ट, वाशर, ब्रेक होसेस इत्यादि।
- कार पहिये वाला वाहन होता है जो कार को कम समय में एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सहायता करती हैं।
- इसमें गैस टरबाइन, रोटरी इंजन, भाप, हवा, बिजली, गैसोलीन, डीजल, पेट्रोल, बायो अल्कोहल, बायोगैस इत्यादि आते हैं!
कार (Automobile) से जुड़ी कुछ जरूरी बातें
वर्ष 1672 में एक मॉडल खिलौने के तौर पर बनाया गया था। इसमें एक भाप वाला इंजन लगाया गया और उसे रफ्तार देने के लिए भाप का प्रयोग किया गया। फिर दुनिया के कई हिस्सों में इसमें सुधार लाना शुरू हो गया।
वर्ष 1806 के आखिर में ज्वलन से चलने वाली पहली कार बनी। इसको चलाने के लिए भाप की जगह ईंधन गैस का इस्तेमाल हुआ। बात करें यदि इंजन की तो यह वाहनों को चलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ईंधन जलाने के और भी तरीके होते हैं जैसे बाहरी दहन या फिर आंतरिक दहन। इनमें वाहनों को चलाने के लिए आंतरिक इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। बाहरी दहन का उपयोग इंजन इंडस्ट्रियल पावर प्लांट में किया जाता है। आंतरिक दहन इंजन दो प्रकार के होते हैं; रोटरी इंजन और रिसिप्रोकेटिंग इंजन।
रिसिप्रोकेटिंग इंजन लगभग सभी वाहनों में होता है। यह गति को ऊपर नीचे करता है। इस प्रकार के इंजन को पिस्टन इंजन के नाम से जाना जाता है। रोटरी इंजन में घुमाने वाला रोटर पाया जाता है और इसका प्रयोग रेसिंग कार या फिर बाइक में किया जाता है।
रिसिप्रोकेटिंग इंजन भी दो प्रकार के होते हैं; स्पार्क इग्निशन इंजन और कंप्रेशन इग्निशन इंजन। स्पार्क इग्निशन इंजन में ज्यादातर ज्यादा तेजी वाले इंधन का प्रयोग होता है जिससे आसानी से भाप बन जाती है जैसे पेट्रोल और गैसोलीन सिलेंडर में जाने से पहले ईंधन और हवा का मिश्रण किया जाता है। इससे ईंधन को जलने में आसानी रहती है। कंप्रेशन इग्निशन इंजन को डिझेल इंजन के भी नाम से जाना जाता है। यह इंजन सिलेंडर में शुद्ध हवा का प्रवेश कराता है। इसे दबाव और अधिक तापमान पर कंप्रेस किया जाता है। इसकी हवा को इतना कंप्रेस करना चाहिए कि उसका तापमान 5380 डिग्री से ज्यादा पहुंच जाएं। उसके बाद इंजन को जलाया जाता है इसीलिए डिझेल इंजन को कंप्रेशन इंजन भी कहते हैं।
Automobile से संबंधित जरूरी बातें
मोटर कार और ऑटोमोबाइल पार्ट्स के बारे में हमें कुछ बातें जानना जरूरी हैं-
- अगर किसी ने कार इंश्योरेंस पॉलिसी एक साल के लिए खरीदी है तो साल खत्म होने से पहले उसे रिन्यू करा लेना चाहिए वरना मुआवजे के टाइम दिक्कत आएगी।
- कार बीमा पॉलिसी खत्म होने पर नई खरीद लें वरना कवरेज नहीं मिलेगी।
- अगर कार को शराब पीकर या और भी दूसरे मादक पदार्थ पीकर चलाई जा रही है तो आपको घटना पर मुआवजा नहीं मिलेगा।
- कार को बिना वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस के चलाने पर भी अगर कोई घटना होती है तब भी आपको मुआवजा नहीं मिलेगा।
- गाड़ी की देखभाल भी बहुत जरूरी है। अगर आप की गाड़ी आयल लीक कर रही है तब भी इंजन खराब होने पर आपको मुआवजा नहीं मिलेगा।
- अपहरण, घुसपैठ, विदेशी सैन्य कार्रवाई, विद्रोह आदि की चपेट में गाड़ी के नुकसान पर भी मुआवजा नहीं मिलता।
- अगर जानते हुए भी गाड़ी में कोई नुकसान किया गया तब भी आप को मुआवजा नहीं मिलेगा।
- कार को बारिश में रखने या खुले में रखने से हुए नुकसान पर भी मुआवजा नहीं मिलता।
- भारत में ऑटोमोबाइल (Automobile) पार्ट्स का बिजनेस करना आसान नहीं है। यदि कोई इंसान अच्छी लोकेशन का चुनाव करें और सही ऑटोमोबाइल पार्ट्स क प्रबंध करें तो वह इस बिजनेस को अच्छे से चला सकता है।
- ऑटोमोबाइल (Automobile) पार्ट्स के बिजनेस ने कई लोगों को फर्श से अर्श पर भी पहुंचा दिया है।
- आंकड़े के अनुसार 2026 तक भारत में पैसेंजर व्हीकल की मांग 94 लाख तक हो जाएगी।
- अगर किसी के पास कोई भी गाड़ी है तो उसका कोई ना कोई पार्ट्स कभी ना कभी तो खराब होता ही है ऐसे में वह ऑटोमोबाइल पार्ट्स की दुकान पर जाता है तो इससे Automobile का बिजनेस एक तरह से फैल ही रहा है।
- भारत में जैसे-जैसे लोगों के पास पैसों की वृद्धि हो रही है वे गाड़ी खरीद रहे हैं जिससे ऑटोमोबाइल पार्ट्स की इंडस्ट्रीज उन्नति कर रही हैं। यही कारण है कि ऑटोमोबाइल पार्ट्स की सेल में 1.53 % की बढ़ोतरी आई है।
- कार्स के अलावा बाइक को भी खरीदने में लोग रुचि दिखा रहे हैं। इसी कारण टू व्हीलर्स की सेल में भी 22 परसेंट बढ़ोतरी हुई है।
- अब ऑटोमोबाइल पार्ट्स का बिजनेस स्टार्ट करने वाला आदमी अंदाजा लगा सकता है कि इसकी कामयाबी की कितनी संभावना है।
- कोई इंसान ऑटोमोबाइल पार्ट्स का बिजनेस स्टार्ट करना चाहता है तो सबसे पहले उसे अच्छी लोकेशन चुननी होगी उसके बाद अपनी दुकान के लिए आवश्यक ऑटोमोबाइल पार्ट्स की लिस्ट बनानी होंगी ताकि वह अपनी जरूरत के हिसाब से आवश्यक पार्ट्स मंगा सके।
Conclusion
आज ऑटोमोबाइल्स ने हमारी जिंदगी में जितनी आसानी पैदा की हैं। उससे कई दफा हमें नुकसान भी पहुंचा है। ऐसे में हमें गाड़ी देखभाल कर चलानी चाहिए। अपने ऑटोमोबाइल की समय-समय पर सर्विसिंग करानी चाहिए और ऑटोमोबाइल पार्ट्स पर भी निगरानी रखनी चाहिए। ताकि हमारे वाहन मैं किसी भी तरह की कमी ना आए और ऑटोमोबाइल पार्ट्स भी जल्दी जल्दी बदलने की नौबत ना आए। अपने वाहन के इंजन को समय-समय पर बदलते रहना चाहिए और उसमें पड़ने वाले ऑयल का भी ध्यान रखना चाहिए और उसे भी समय-समय पर डलवाते रहना चाहिए।
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