Sunday, November 24, 2024
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जानिए Madhav Gitte ने कैसे पूरा किया अपना आईएएस बनने का सपना

by Divyansh Raghuwanshi
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आज हम आपको ऐसे इंसान की कहानी बताने जा नहीं जिन्होंने कठिन परिश्रम करके Ias बनने का सपना पूरा किया। ऐसे इंसान की कहानी से हमें अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा लेनी चाहिए और जीवन में कड़ी मेहनत करना चाहिए आज हम आपको इनकी कहानी बताते हैं: –

Ias माधव गिट्टे का जन्म और पालन-पोषण

Ias Madhav Gittay

Ias Madhav Gittay

माधव गिट्टे का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर नांदेड़ में हुआ था। इनके माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं थे। 

घर में थोड़ी बहुत ही जमीन थी, जिस पर खेती करके ही घर का खर्च चलता था। परिवार में काफी पैसे की कमी थी।

स्वयं माधव गिट्टे भी पैसा कमाने के लिए दूसरों के खेतों में काम करने जाया करते थे। खेतों में माधव गिट्टी मजदूरी करके 50 रुपए कमा लेते थे।

उनके कठिन परिश्रम की कहानी

कुछ समय बाद इनकी माता जी को कैंसर नामक गंभीर बीमारी हो गई। कैंसर की वजह से इनकी मां की मौत हो गई। जब इनकी मां की मौत हुई थी, तब माधव गिट्टे की उम्र ज्यादा नहीं थी। मां की मृत्यु हो जाने के बाद माधव गिट्टे खेती का काम करने लगे। कुछ समय बाद इन्होंने 12th क्लास का फॉर्म डाला, और एक सरकारी स्कूल में एडमिशन ले लिया।

माधव गिट्टी लगभग 11 से 12 किलोमीटर स्कूल जाने में रास्ता साइकिल से तय करते थे और आने में भी इतना ही रास्ता तय करते थे। इसकी वजह से यह घर आने के बाद थक जाते थे और पढ़ाई नहीं कर पाते थे। घर की जिम्मेदारी और पढ़ाई के चलते इन 12th क्लास में ज्यादा अच्छे अंको से सफलता प्राप्त नहीं हुई। इन्हे 56% अंक 12th क्लास में प्राप्त हुए।

अपने सपने को किस तरह किया साकार

Madhav Gittay

Madhav Gittay

12th क्लास पूरी करने के बाद इन्होंने नौकरी करने का सोचा। उसी समय कॉलेज में एक ऐसा डिप्लोमा कोर्स शुरू हुआ, जिसकी फीस ज्यादा नहीं थी। किसी तरह चीज का जुगाड़ करके माधव गिट्टे ने वह डिप्लोमा कोर्स कर लिया।

डिप्लोमा कोर्स करने के बाद माधव को एक अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल गया। माधव के पास इस कॉलेज की फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए माधव के घर वालों ने इस कॉलेज की फीस भरने के लिए खेत और मकान को गिरवी रखा। कुछ समय बाद माधव ने अपनी इंजीनियरिंग कंप्लीट कर ली, और इंजीनियरिंग कंप्लीट होने के बाद उन्हें एक बहुत अच्छी नौकरी मिल गई।

इसके बाद माधव ने दिल्ली जाकर यूपीएससी की तैयारी को करना शुरू किया। यूपीएससी क्वालीफाई करने का जुनून माधव के अंदर था। इसलिए उसने इस नौकरी को छोड़ दिया और पढ़ाई में अच्छे से मन लगाया। इसके बाद पहले अटेम्प्ट में माधव को सफलता नहीं मिली। लेकिन आखिरकार माधव ने अपनी कड़ी मेहनत और Ias बनने के जुनून की वजह से आईएएस का एग्जाम क्वालीफाई किया और अपने आईएएस बनने के सपने को साकार किया।

आप भी माधव गिट्टे जैसे इंसान से प्रेरणा लीजिए और अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत और लक्ष्य प्राप्ति का जुनून आपके सपने को अवश्य ही साकार बनाएगा।

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