कोरोना वायरस महामारी से देश की इकोनॉमी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है लेकिन अब खुशखबरी यह है कि कोविड मुसीबत से हमारे देश की अर्थव्यवस्था उभरकर वापस पटरी पर लौटने लगी है। बिजली खपत कृषि क्षेत्र ट्रैक्टर बिक्री और जीएसटी एकत्रीकरण व्यतीत हुए साल के मुकाबले में काफी बेहतर रहा है। विशेषज्ञ और एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से रिकवरी पर केंद्रित है। अगर बात करें अप्रैल से सितंबर तक की जीडीपी ग्रोथ की तो इन 6 महीनों के दौरान भारत की ग्रोथ 15.7% रही है, चौथी तिमाही में ग्रोथ रेट दो से तीन प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है।
इकोनामी जल्द से जल्द फरवरी 2020 के स्तर पर होगी
अगर जॉब्स क्षेत्र के बारे में बात करें तो इसका भी काफी बड़ा हाथ होता है कि देश की अर्थव्यवस्था की दर में वृद्धि करें। सी एम आई ई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 दिसंबर में बेरोजगारी दर 9% रही जो कि इससे पहले यानी कि अप्रैल 2020 में 23.5% के रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज की गई थी। वर्ष 2020-21 की जून तिमाही में 32.6 करोड जॉब्स उपलब्ध थे जिनमें सितंबर तिमाही में बढ़ोतरी होकर 39.9 करोड़ हो गए अर्थात देश में लगभग 7 करोड़ जॉब्स उपलब्ध हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी उम्मीद की जा रही है कि पहली तिमाही से ही नियुक्तियों में तेजी होगी। मैनपावर आउटलुक सर्वे में 1 हजार 500 से अधिक लोगों ने रोजगार आउटलुक 5% ज्यादा रहने के बारे में कहा।
कोरोनावायरस में बड़े स्तर पर घाटा इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को भी लगा है। कोरोना के कारण कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 2020 की तिमाही में ग्रोथ -50.3 % थी। अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को कितना तगड़ा झटका लगा है। तीसरी तिमाही के बाद अगर बात करें दूसरी तिमाही की तो पिछली ग्रोथ में सुधार आकर -8.6 % पर आ गई। हाल ही में केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए निर्णय लिया है कि वह 5 साल के अंदर इंफ्रा में सौ लाख करोड़ रूपए से भी ज्यादा खर्च करेगी। विशेषज्ञ आगे उम्मीद कर रहे हैं कि पहली तिमाही में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण प्रतिदिन 30 किलोमीटर के बिंदु पर आ जाएगा। 2021-22 में प्रतिदिन 40 किलोमीटर सड़ के निर्मित की जाएंगी।
जीडीपी ग्रोथ – 23% तक चली गई थी लेकिन आने वाले 5 सालों में यह 13% की दर से बढ़ेगी। नए वित्त वर्ष में रेटिंग एजेंसियों ने जीडीपी ग्रोथ के बारे में अनुमान लगाया कि 5.4% से 13% तक होगी ग्रोथ रेट। मूडीज के अनुसार जीडीपी ग्रोथ रेट 10.8% रहेगी। दूसरी ओर नीति आयोग व फिच रेटिंग्स ने ग्रोथ के बारे में 11% का अनुमान लगाया है। इसके अलावा दुनिया के प्रचलित व्यक्ति गोल्डमैन का अंदाजा 13% का है।
महंगाई दर 1% घटने की संभावना
लॉकडाउन के समय सभी प्रकार के उत्पादों में महंगाई जरूर देखी गई लेकिन पर महंगाई पर नियंत्रण हो रहा है होलसेल प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई लगभग ढाई प्रतिशत थी और इसके अलावा खुदरा महंगाई नवंबर में चार प्रतिशत रही थी। यह महंगाई अक्टूबर के माह में बढ़कर 6.37% के पास पहुंच गई थी। आरबीआई ने दिसंबर के माह में कहा था कि नए साल की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई 5.8 प्रतिशत के पास रह सकती है। 2020 के मुकाबले में करीब एक फ़ीसदी कम महंगाई होगी।