Tuesday, April 1, 2025
hi Hindi

दुनिया से दो फीसदी कीट प्रतिवर्ष हो रहे हैं कम!

by Divyansh Raghuwanshi
192 views

कीटो के साम्राज्य से हजार कीटे दुनिया से गायब हो रहे हैं। इस विषय को लेकर वैज्ञानिकों में बड़ी चिंता दिखाई दे रही है। इन कीटों की प्राकृतिक गतिविधियों में बहुत अधिक भूमिका नजर आती है। फसल का उगना, कई प्राकृतिक गतिविधियां और जैव विविधता जैसी चीजें हैं जिनमें कीटों की भूमिका बहुत अहम है। दुनिया में प्रकाश प्रदूषण खरपतवार कीटनाशक और जलवायु परिवर्तन जैसी चीजें हो रही हैं जिसके कारण प्रतिवर्ष 1 से 2 फ़ीसदी कीटों की गिरावट देखी जा रही है। 

डेविड वागनर कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी के कीट विज्ञानी है और प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में वह 12 रिसर्च के पैकेजों में प्रमुख लेखक हैं। यदि इन रिसर्च की बात करें तो विश्वभर के 56 वैज्ञानिकों ने इसमें भाग लिया। वागनर की मानें तो वैज्ञानिक को यह जानने की आवश्यकता है, कि कीटो के गायब होने की दर अन्य वन्यजीवों की तुलना की जाए तो अधिक बड़ी है या कम। कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में कीट विज्ञानी है डेविड वागनर। इलिनॉइस यूनिवर्सिटी में कीट विज्ञानी और सह लेखक मेय बेरेनबाउम की माने तो उनका मानना है की यह बहुत मुश्किल है कि कीटों की कम होने की मात्रा का अनुमान लगाना। वह भी यह आकलन लगाया जाए की उनके घटने की दर का अनुमान क्या है, जो बहुत कठिन काम है।

क्या है कीटों से फायदे

IMG 20210119 071301

एक और कारण है जिसकी वजह से मामला अधिक बिगड़ा है। ऐसा इस कारण भी है क्योंकि अधिकतर लोगों को कीटे पसंद नहीं है। पूरे विश्वभर में खाने पीने की चीजों की बात की जाए तो कीटे ही वह होते हैं, जो परागण में जो भी आवश्यक चीजें हैं उसमें सहायता करते हैं। वह खाद्य श्रंखला में भी जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और कूड़े को खत्म करने में भी सहायक होते हैं। इन सबके बाद भी इंसानों को इनकी बिल्कुल परवाह नहीं होती है। वहीं यदि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की बात करें तो वह कीटों को इस प्रकार मानते हैं कि वह हम सभी की जीवनचर्या के एक आधार की तरह है।

प्रदूषण भी है बड़ा कारण

IMG 20210119 071156

यदि कीटों में सबसे ऊंचे दर्जे की बात करें तो तितलियां और मधुमक्खियां है जिन का दर्जा सबसे अधिक रहता है। आपके केवल इन्हें देख कर ही इनकी घटती तादाद और इनकी समस्याओं का आकलन और अंदाजा लगा सकते हैं। मधुमक्खियों में तो खासतौर पर बहुत ही अधिक कमी आ गई है। 

खरपतवार नाशक, परजीवी और कीटनाशक में भोजन की कमी रहती है जिस कारण संख्या में भारी कमी देखी जाती है। कई इलाके ऐसे हैं जिनका वातावरण सूखते जा रहा है और ऐसे में जलवायु परिवर्तन एक कारण है जिस वजह से तितलियों को भोजन में परेशानी हो रही है। इन्हें मकरंद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है क्योंकि फूल हटाए गए हैं और खेती से खरपतवार भी हटाया जा रहा है।

 

SAMACHARHUB RECOMMENDS

Leave a Comment