भारत सरकार द्वारा 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है, जो नयी पीढ़ी के लिये एक अच्छा प्लेटफार्म लेकर आये है। इससे छात्र-छात्राओं का कौशल भी बढ़ेगा और लग्न और लगाव के साथ जो भी विषय पढ़ना चाहते हैं, उसमें अपना कैरियर बनाने में सफल होंगें। इनमे कुछ प्रमुख बदलाव है जैसे 10 बोर्ड को किया गया है खत्म। अब 10वीं की परीक्षा में बोर्ड परीक्षा नही होगी बल्कि सेमेस्टर में पेपर होगें। Mphil को भी किया गया है बन्द।
स्कूलों के लिये हुए बदलावChanges in Schools
- मानव संसाधन मंत्रालय बदला है शिक्षा मंत्रालय में।
- 10वीं कक्षा से लेकर 12वीं तक सेमेस्टर से होंगी परीक्षाएं।
- 5वीं तक छात्रों को मातृभाषा व राज भाषा में ही पढ़ाया जाएगा।
- स्कूलों में अब पूरी छूट दी जाएगी कि जिससे विद्यार्थी अपना मनपसंद विषय चुन सकता है। आर्ट्स का विद्यार्थी बायोलॉजी ले सकता है। गणित का भूगोल, बायो वाला गणित। अब विषय चुनने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी।
- 6वीं से कंप्यूटर ज्ञान दिया जाएगा।
- 6वीं से प्रैक्टिकल (प्रयोगों द्वारा), इंटर्नशिप के माध्यम से पढ़ाई-लिखाई जाएगी।
- हाई स्कूलों में संस्कृत भाषा पर जोर दिया जाएगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
- प्राइवेट स्कूलों में अब ज्यादा फीस बच्चों से नहीं वसूल पाएंगे।
- अध्यापकों की फीस में भी कटौती हो सकती है।
- शिक्षकों के पद भी कम होंगे।
कॉलेज की शिक्षा नीति में बदलाव
- कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी जिसमें पहले साल में प्रमाणपत्र, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।
- कॉलेज में मुख्या रूप से संगीत, कला, साहित्य पढ़ाया जाएगा।
- MA के लिए अब Mphil नहीं करना होगा।
- MA के छात्र अब सीधे पीएचडी कर पाएंगे।
कैसे होगी नयी नीति लागू
छात्रों को अब कंपनियों, उद्योगों में उनकी रूचि के हिसाब से भेजा जाएगा जिससे वह प्रयोगों के द्वारा काम को समझ सके। 8 वर्ष तक की आयु के छात्रों के लिए प्रारंभिक बचपन बाल देखभाल शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा को NCERT द्वारा तैयार किया जाएगा।
पांचवी कक्षा तक छात्रों को शिक्षा उनकी मनपसंद मातृभाषा, राष्ट्रभाषा या घरेलू भाषा में दी जायेगी। 6 class से कंप्यूटर कोडिंग सिखाई जायेगी और अपनी पसंदीदा चीज़े भी सिखाई जायेगी।
व्यावसायिक शिक्षा भी महत्व दिया जाएगा जिससे कोई भी छात्र यदि पढ़ाई बीच में छोड़ देता है, तो उसे सामाजिक जीवन जीने में कोई कठिनाई न हो वो अपना काम, व्यवसाय कर सकें। सेमेस्टर प्रणाली में साल में 2 बार पेपर होंगे और उसका दोनों का योग साल के अंत में दिया जायेगा।
कॉलेजो में यूनिवर्सिटी के सम्बन्ध को समाप्त कर दिया जायेगा। यूनवर्सिटी का आधा समय कॉलेज की परीक्षाओं की व्यवस्था करने में निकल जाता है। अब वही समय यूनिवर्सिटी रिसर्च करने में लगाएगी।
आखिर कबसे होगी नयी नीति लागू
सबके मन में यही सवाल चल रहा होगा शिक्षा नीति कब से लागू होगी तो हम आपको बता दें कि अभी केवल केंद्र में इस नीति को मंजूरी दी है। सांसद के आज से अभी कोई मंजूरी नहीं दी गई है। यह नियम संभवत 2021-2022 से लागू हो सकते हैं।