Friday, November 22, 2024
hi Hindi

जानिए क्या है “आत्मनिर्भर भारत” का उद्देश्य

by Divyansh Raghuwanshi
22 views

मनुष्य को स्वयं के अलावा किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। सदैव मनुष्य को आत्मनिर्भर व आत्मविश्वासी होना चाहिए। दूसरों की सहायता ना लेकर मनुष्य को आत्मा अनुयायी व आत्मनिर्भरता ही अपने जीवन का मूल सिद्धांत बनाना चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ श्री नरेंद्र मोदी जी ने हमारे देश में यह अभियान शुरू किया है। 

आत्मनिर्भर भारत का आशय :

IMG 20200809 191758

आत्मनिर्भर भारत का आशय है कि हमारा भारत देश दूसरे देशों पर निर्भर ना रहे भारत का जन-जन आत्मनिर्भर हो और विदेशी उत्पाद ना खरीदे जाएं। जिससे हम नए उत्पाद बनाने में अपने देश की सहायता करें। हमारे देश की कला, लगन व मेहनत युवाओं की चेतना को नया रूप दे।

Covid-19 महामारी की दिशा में प्रधानमंत्री जी द्वारा किए गए आर्थिक प्रोत्साहन :

IMG 20200809 191739

हमारे देश के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है। इसकी शुरुआत 12 मई 2020 में हुई घोषणा के अनुसार आरबीआई के निर्णय के द्वारा पैकेज 20 लाख करोड रुपए का दिया गया है। यह पैकेज भारत के ‘सकल घरेलू उत्पाद’ के 10% के बराबर है। इस पैकेज के अनुसार भूमि, श्रम, कानूनों और तरलता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 

वित्त मंत्री जी के अनुसार :

IMG 20200809 191831

भारत के वित्त मंत्री जी ने कहा है, कि आत्मनिर्भर पॉलिसी का मतलब यह नहीं है कि हम दूसरी दुनिया के देशों, विदेशों से अलग रहे बल्कि यह है, कि हमें हमारे देश को सबसे बेहतर बनाना है। हमें दूसरे देशों पर निर्भर न रहकर खुद आत्मनिर्भर रहना सीखना है।

कैसे हुए हम दुसरो पर निर्भर :

IMG 20200809 191816

हमारा देश आजाद होने के बाद स्वतंत्र और विकसित हुआ। फिर भारत की विशेषता दूसरे देशों में फैली जिस कारण से भारत में व्यापार सीखने, शिक्षा लेने अन्य बहानों से विदेशों के लोग भारत में आये और पुरानी बात को दोहरा दिया। उनका मकसद “फूट डालो राज करो” नीति था। उन्होंने अपनी राजनीति के द्वारा हमारे हमेशा विश्वासघात किया और भारत की आत्मनिर्भरता खत्म करके भारत को दूसरे देशों का गुलाम बना दिया। वैसे तो आज भी आज़ाद है परंतु हमें आज भी अपनी जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता है।

आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता क्यों है 

IMG 20200809 194636

आज के युग में आत्मनिर्भरता बहुत ही जरूरी है क्योंकि आज के समय में वही देश विकसित है, जो अपनी जरूरत का सामान स्वयं निर्मित करता है। बिल्कुल, उसी तरह जैसे हम अपनी जरूरत के लिए दूसरों पर, परिवार पर निर्भर ना होकर स्वयं अपनी मेहनत से अपनी जरूरत का सामान लाते हैं। आसानी सी बात है यदि हम छोटी से छोटी चीजों से लेकर बड़ी से बड़ी चीजों तक यानी सुई से लेकर जहाज तक के लिए विदेशों पर निर्भर होंगे तो वह हमारी कमजोरी का फायदा उठाएंगे और मजबूरी में हमें वह सारी वस्तुओं को ऊंचे दामों में खरीदना पड़ेगा।

यदि हम इन वस्तुओं के आदी हो जाएंगे तो वही हमारी पसंद बन जाएंगी और विदेशी वस्तुओं को ही खरीदना पड़ेगा। फिर हमारे देश के लोगों का रोजगार छिनता चला जाएगा। यदि हमें अपने भारत देश को विकसित बनाना है, तो हमें आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। हमें अपने देश की बनाई हुई चीजों का ही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। तभी हम भारत सरकार की मदद कर पाएंगे और अपने देश की नयी पहचान बनाने में समर्थ होंगे।

 

जब तिरंगा गर्व से फहरा उठा

SAMACHARHUB RECOMMENDS

Leave a Comment