Thursday, November 21, 2024
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भगवान श्री राम का मंदिर का शिलान्यास होगा…

by SamacharHub
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कई सदियों बाद 5 अगस्त को भारतीय इतिहास का वह स्वर्णिम या हीरक दिन आ रहा है , जब विश्व के सबसे प्राचीन और ज्ञानमयी , गर्वित एवं अलौकिक सनातन धर्म के आधार “भगवान श्री राम” का मंदिर का शिलान्यास होगा ।

इसी मंदिर को बनवाने के लिए न जाने कितने असंख्य अनजाने लोगों ने बलिदान दे दिया । न जाने कितने लोगों का व्रत पूरा हुआ , न जाने कितने लोगों की वंशावली बलिदान हो गयी ।

यह वह दिन है जब प्रत्येक स्वाभिमानी गर्वित सनातन धर्मी के आँखों में आँसू होंगे ।

इस दिन की प्रतीक्षा में अगणित सदियाँ बीत चुकी । अगणित लोग इस दिन की प्रतीक्षा करते करते प्राणों को त्याग चुके ।

यह हम सभी के लिए अद्भुत दिन है ।

तो क्यों न आईये इस दिन को ऐसा कर दें कि बाबर की कब्र में भटकती उसकी रूह तक काँप जाए । बाबर की औलादों से लेकर समस्त पृथ्वी पर उपस्थित राम द्रोहियों के हृदय विदीर्ण हो जायें ।

आईये इस 5 अगस्त को जब अयोध्या में प्रधानमंत्री शिलान्यास कर रहे हों , तो उस समय सभी लोग आपसी वैर भुलाकर , चाहे भाजपाई हो , चाहे कांग्रेसी , चाहे सपाई , चाहे आपिया , चाहे कोई भी हो , अगर वह सनातन धर्म को मानता है और गर्व अनुभव करता है वह सभी एक कार्य करें :-

1. अपने अपने घरों के मुख्य द्वार बंदनवार से सजायें ।
2. आम्र के पत्तों से , फूल मालाओं से अपने घरों के द्वार सजाएँ ।
3. घरों के मुख्य द्वार पर रंगोली बनायें ।
4. सभी लोग तिलक लगायें ।
5. मुख्य बात :- जिस समय शिलान्यास हो रहा हो , सभी अपने घरों के बाहर या बरामदे में घंटी , घड़ियाल , ढोलक की थाप , मज़ीरें , शंख नाद कर पूरे भारत के कोने कोने को गुंजायमान कर दें ।
6. रात्रि में सभी अपने घरों के बाहर दीपक जलायें ।
7. सभी मंदिरों के पुजारी पुरोहित मन्दिर में शंखनाद करें ।

यह अगर एक साथ सभी करेंगे तो पूरे विश्व को संदेश जाएगा कि हाँ सनातन धर्मी अभी जीवित हैं।

न ये भाजपा का मंदिर है , न संघ का ,न कांग्रेस का , न विश्व हिंदू परिषद का , न बजरंग दल का ,न शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का , न अयोध्या का , न पण्डित का , न क्षत्रिय का , न शुद्र का ।

ये हम सब का जन जन का मंदिर है।

मलेछों का गर्भपात हो जाएगा जो 5 किलो चावल देकर धर्म परिवर्तन में लगे हैं और कमजोर संस्कार वाले जो इन भेड़ियों के चंगुल में आकर धर्म परिवर्तन करते हैं , उनको अथाह बल मिलेगा कि हम एक महाशक्ति से जुड़ें हैं ।

आईये इस दिन को उस दिन से ज्यादा भव्य बना दें जब मोदी के कहने से हमने थाली बजायी थी ।

कोरोना के लिए हम बजा सकते हैं तो क्या अपने आराध्य देव के लिए नहीं ???

आईये हम सब का कर्तव्य है कि यह message 5 अगस्त तक जन जन तक पहुँच जाए , भले कोई पृथ्वी के किसी भी छोर पर ही क्यों न रहता हो ।

 

पाँच अगस्त बस पांच नही, यह पंचामृत कहलायेगा!

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