Friday, November 22, 2024
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उद्योगों से निकलने वाली गैसों में आएगी कमी

by Divyansh Raghuwanshi
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जैसा कि आप सब जानते हैं कि उद्योगों से काफी भारी मात्रा में गैसों का उत्पादन होता है। यही गैस पूरे वायुमंडल में फेल कर तापमान बढ़ाने का काम करती है। यह गैस केवल वायुमंडल के तापमान बढ़ाने का ही काम नहीं करतीं बल्कि मनुष्य के शरीर में कई प्रकार की बीमारियों को भी पैदा करने का ही काम करतीं हैं।

इस कोरोना वायरस के कारण लगा पूरे दुनिया में लॉकडाउन के कारण भले ही पूरे दुनिया की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई हो, लेकिन यह प्रकृति के लिए वैज्ञानिकों द्वारा अच्छा बताया जा रहा है। वायु की गुणवत्ता में काफी ज्यादा सुधार देखा गया है। वैज्ञानिकों का दावा है, कि अगर इसी तरह कुछ दिन और लॉकडाउन जारी रहा तो वायु की गुणवत्ता में इतना सुधार आ जाएगा कि जो 1945 के बाद से पहली बार होगा।

the greenhouse effect 1718520 0010ce53ce 1वैज्ञानिकों का दावा है, कि यह कोरोनावायरस प्रकृति की रक्षा के लिए एक साधन बनकर उभरा है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी का कहना है, कि औद्योगिक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 2019 के मुकाबले में 2020 में 8 फ़ीसदी कम होने की संभावना है। यह दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी कामयाबी है।

ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में आई कमी

greenhouse effect templateएक रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 2020 में जनवरी से अप्रैल माह तक 17 परसेंट तक की गिरावट देखी गई है। पर्यावरणविदों का कहना है, कि कोरोनावायरस प्रकृति के लिए इंसानों से एक रक्षा करने का साधन है। अगर जलवायु परिवर्तन होता है, तो पूरी दुनिया तहस-नहस हो जाएगी। कई लाखों की संख्या में लोग मारे जाएंगे और पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था की बढ़ती दर भी जीरो तक पहुंच सकती है।

कोरोनावायरस ने इस दुनिया में आकर जलवायु परिवर्तन से बचाया। महामारी तेजी से फैलती है परंतु जलवायु परिवर्तन से होने वाला नुकसान धीरे होता है। इनमे लेकिन भरपाई होने में महामारी से दोगुना से भी अधिक समय लग जाता है। वायरस से अधिकतर गरीब और बीमार लोग ही चपेट में आते हैं परंतु जलवायु परिवर्तन से लगभग सभी लोग चपेट में आ जाते हैं। इसलिए हमें प्राकृतिक संसाधनों का सही तरह से उपयोग करना होगा।

सौर और वायु ऊर्जा पर ध्यान देना होगा

greenhouse effect shutterstock ah 51986 500x320 1अगर मानव जाति को बचाना है, तो हमें प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों का इस्तेमाल बंद करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो मानव जाति खतरे में पड़ सकती है। हमें प्रकृति ने जो साधन उपलब्ध कराए हैं जैसे सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा इत्यादि,  इन प्राकृतिक संसाधनों का सही तरह से उपयोग करके ह प्राकृति को खतरे में जाने से बचा सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मौत प्राकृतिक दुर्घटनाओं के कारण ही होती हैं। इसका कारण एक ही है, कि “प्रकृति को मानव ने बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है और अब वह प्रकृति अपने आप में सुधार करने के लिए विभिन्न ऐसे कार्य कर रही जिससे मानव जाति को नुकसान पहुंच रहा है।” 

कार्बन उत्सर्जन पर को रोक लगे

greenhouse gas 101 onpageपूरी दुनिया में कार्बन उत्सर्जन पर हमें पूरी तरह से रोक लगा देनी चाहिए। केवल उन्हीं साधनों को कार्बन उत्सर्जन करने की अनुमति हो जो अधिक अनिवार्य हो और अन्य किसी भी साधन को कार्बन उत्सर्जन की अनुमति नहीं मिलना चाहिए। ऐसे में हम अपनी प्रकृति की अच्छे से देखभाल कर सकते हैं।

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