नया वित्त वर्ष 1 अप्रैल से आरंभ होता है। बजट में इनकम टैक्स के कुछ नियमों में बदलाव किए गए। 1अप्रैल 2020 से जो नियम माने जाएंगे उन पर चर्चा करते हैं। प्रत्येक नियोक्ता को कर्मचारी को वेतन का भुगतान करते समय अनिवार्य रूप से कर में कटौती करनी होती है। कर्मचारियों का मत है कि वेतन में टैक्स नहीं कटना चाहिए। कर्मचारी को जो बिजनेस या पेशे से
आय नहीं करते उन्हें अपने नियोक्ता को अपने वेतन के स्रोत या टीडीएस के बारे में नई व्यवस्था चुनने का विकल्प बताना होगा। आयकर रिटर्न के बारे में कर्मचारी को दाखिल किए गए टैक्स स्लैब के ढांचे के विकल्प को बदल सकता है। टीडीएस भुगतान की राशि समय पर की जाएगी। कटौती कर्ता कुल आय के गणना अनुसार टीडीएस का काटेगा।
टैक्स स्लैब में बदलाव
नए वित्त वर्ष में नया टैक्स स्लैब लागू होता है। इस बार टैक्स में एक्सपेयर्स के लिए नया और पुराना दोनों ही टेक्स में एक चुनने का विकल्प दिया गया है।
नया टैक्स स्लैब
बजट में घोषित किए गए नए टैक्स के अनुसार ढाई लाख रुपए तक सालाना इनकम पर जीरो टैक्स लगेगा। 2.5 लाख से 5 लाख रुपए के बीच 5 फीसदी, 5 लाख से 7.5 लाख रुपए के बीच इनकम होने पर 10 फ़ीसदी, 7.5 लाख से 10 लाख इनकम होने पर 15 फ़ीसदी, 10 लाख से 12.5 लाख रुपए होने पर 20 फीसदी, 12.5 लाख से 15 लाख रुपए होने पर 25 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा इनकम होने पर 30 फ़ीसदी टैक्स लगेगा। जो भी कर्मचारी नए टैक्स का लाभ लेना चाहता है उसे डिक्लेरेशन फॉर्म के जरिए सूचित करना होगा। अगर सूचित नहीं किया तो पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही टैक्स कटेगा।
National Pension Scheme (NPS) निवेश
नए या पुराने टैक्स स्लैब के लिए एनपीएस अच्छा विकल्प होता है। टैक्स मैं डिडक्शन बेनिफिट अधिक से अधिक उठाने के लिए 80 सीसीडी के तहत नेशनल पेंशन स्कीम में अलग से ₹50 हजार रुपए इन्वेस्ट कर सकते हैं।
Employees Provident Fund (EPF) सुरक्षित साधन
टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग करते समय इपीएफ एक सुरक्षित साधन है। जिस पर 8.6% प्रतिदर्श इंटरेस्ट मिल रहा है। यह इंटरेस्ट टैक्स सेविंग प्रोडक्ट के लिए काफी अधिक है। इनकम टैक्स एक्ट टैक्स डिडक्शन बेनिफिट में 1.5 लाख तक के टैक्स डिडक्शन बेनिफिट का भरपूर लाभ उठाया जा सकता है।
इपीएफ में मिनिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट से ज्यादा इन्वेस्टमेंट वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड मैं इन्वेस्ट किया जा सकता है। बेनिफिट के लिए यह दोनों ही अच्छा रिटर्न देते हैं। पीपीएफ में अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 100% अमाउंट तक इन्वेस्ट कर सकते हैं। इपीएफ अमाउंट रिटायरमेंट से पहले किसी जरूरत के लिए जैसे बच्चों की हायर एजुकेशन, घर बनाने और मेडिकल इमरजेंसी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए निकाला जा सकता है।
दो करोड़ से ज्यादा वार्षिक आय वालों के लिए
दो करोड़ रुपए से ज्यादा वार्षिक आय बाले करदाताओं के लिए अपना आयकर विवरण जमा करने से पहले, बढ़े हुए सर चार्ज के अनुसार बकाया टैक्स जमा करना पड़ेगा। 2019 -20 मैं जिन्होंने आय के स्रोत पर टैक्स की कटौती करते समय बढ़े हुए सर चार्ज को नहीं चुकाया था। करदाताओं के लिए इस बड़े हुए टैक्स पर ब्याज नहीं लगेगा।