Friday, November 15, 2024
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क्या मिलेगा श्री राम के पात्र अरुण गोविल को उचित सम्मान?

by Divyansh Raghuwanshi
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रामायण हमारी आस्था का प्रतीक है। रामायण में श्री राम का आदर्श चरित्र सभी का मन मोह लेता है। रामानंद सागर की बनाई गई रामायण में सभी पात्र बहुत अच्छे थे। उसमें भगवान श्रीराम का रोल करने वाले अरुण गोविल का अभिनय कमाल का है। आज इतने बरसो बाद रामायण का दोबारा प्रसारण हो रहा है। रामायण में आज भी जो लोकप्रियता हासिल की है। वह कोई भी सीरियल और फिल्म नहीं कर पाए।

रामायण की टीआरपी जबरदस्त है। रामायण में श्री राम का चरित्र निभाने वाले अरुण गोविल को उचित पुरस्कार से सम्मानित करना समाज का कर्तव्य है। ट्विटर यूजर अरुण गोविल से सवाल किया की इतना बेहतरीन चरित्र निभाने के लिए आपको किसी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सवाल सुनकर अरुण गोविल का दर्द बाहर आ गया। रामायण में श्री राम का चरित्र निभाने वाले अरुण गोविल को ना तो राज्य सरकार ने और ना ही केंद्र सरकार ने कोई सम्मान दिया है।

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Arun Govil portrayed Sri.Ram in the most successful serial of all time, Ramayan.

नहीं मिला उचित सम्मान

अरुण गोविल उत्तर प्रदेश के निवासी है लेकिन वहां की सरकार ने भी नहीं दिया। 50 वर्षों से मुंबई में रह रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने भी उन्हें सम्मानित नहीं किया। रामायण के लोकप्रियता को देखते हुए अरुण गोविल को सम्मानित करना चाहिए था। जनता ने तो उन्हें श्री राम का रूप मानकर ही पूजा है। आज की राम जी के चरित्र के रूप में अरुण गोविल के अभिनय की सराहना करते हैं। एक दौर था जब रामायण का सीरियल आता था, तो सड़कें सुनसान हो जाती थी। लोग टीवी के सामने आस लगाकर बैठ जाते थे। रामायण में सभी पात्रों को लोकप्रियता हासिल है। श्री राम और सीता को तो भगवान की तरह ही पूजा करते थे। आज जब दोबारा प्रसारण हो रहा है तो भी लोकप्रियता कम नहीं हुई। अभिनय में अरुण गोविल का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। उसके बाद और भी रामायण के सीरियल आए लेकिन वह अभिनय देखने को नहीं मिला।

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Arun Govil shares on his Twitter handle.

जब देश में कोई भी क्षेत्र हो अच्छे कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है, तो रामायण के पात्रों को भी सम्मानित करना आवश्यक था। रामायण तो जीवन का आधार है। समाज में चरित्र की शिक्षा रामायण से मिलती है। यह मात्र धार्मिक ग्रंथ नहीं है, यह तो मानव के संपूर्ण जीवन का चरित्र है। कला के क्षेत्र में फिल्मी कलाकारों और सीरियल के कलाकारों को सम्मानित किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों पर आधारित सीरियल के कलाकारों को भी सम्मानित करना देश का दायित्व है। रामायण देश की धरोहर है, इसके पात्र सम्मान के हकदार हैं। कलाकार की भूमिका उसके बेहतर अभिनय पर निर्भर करती है।

जरूरी है प्रोत्साहन

कलाकार को प्रोत्साहन मिलना अति आवश्यक है। पहले सरकार ने इस शोर ध्यान नहीं दिया होगा लेकिन अब मोदी सरकार में ऐसा अवश्य संभव होगा। जब लोगों को घर में रहना पड़ा तो दूरदर्शन के रामायण और महाभारत जैसे धार्मिक सीरियलों ने सहारा दिया। इन सीरियल को देखकर बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सभी वर्ग भरपूर आनंद उठा रहे हैं। समय को काटने में यह धार्मिक आस्था लोगों का सहारा बनी। समाज के इन सभी कलाकारों का उचित सम्मान होना चाहिए।

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