Saturday, November 23, 2024
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तकनीकी उपकरणों से हो सकती हैं आपकी आंखे खराब, इस तरह करें चाव

by Vinay Kumar
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आज के वक्त में तकीनीक एक इंसान का सबसे अधिक समय खराब करती है और इसी के कारण शरीर में भयंकर बीमारियां तक पैदा हो जाती है। दुनियाभर में औसतन हर व्यक्ति लगभग 2 घंटे से अधिक लैपटॉप या फोन का इस्तेमाल करता है। इनके इस्तेमाल का सीधा असर हमारे आखों पर पड़ता है यह असर इतना होता है कि हमें आंखो से संबंधित कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ज्यादा देर तक कंप्यूटर या फोन के इस्तेमाल से हमारी आंखो की मासपेशियो पर इसका बूरा प्रभाव पड़ता है। डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल से आंखो में होने वाली बीमारियों को आई स्ट्रेन कहते हैं आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इससे कौन सी बीमारी होती है और उनसे कैसे खुद का बचाव किया जाए।

डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षण

नजर में धुंधलापन, आंखों में सूजन, रंगत में लालिमा, आंखों में खुजली, गर्दन और कंधों में दर्द

उपकरण के नुकसान से बचाव

यूं तो हमारी ब़ॉडी का हर पार्ट महत्वपूर्ण है, लेकिन इनमें भी आंखे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यही है जिसकी वजह से हम सबकीपहचान कर पाते हैं। ऐसे में इन्ही आंखो को पूरा काम खराब करती हैं तकनीकी उपकरणो का इस्तेमाल। हालांकि आज के समय में बाजार में कुछ ऐसे चश्मे मिल रहे हैं, जो इन गैजेट्स की रोशनी की तीव्रता को रोकने में मददगार हैं। इसलिए लैपटॉप या मोबाइल के इस्तेमाल के दौरान इन चश्मों को जरूर पहनें। इसके अलावा हमेशा आंखों और स्क्रीन के बीच कम से कम एक फीट की दूरी जरूर रखें। आप जहां भी इन उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहां पर लाइट यानी पर्याप्त मात्रा में प्रकाश होना चाहिए ताकि आंखों को कोई नुकसान न हो

तेज चकाचौंध वाली रोशनी में काम करना आंखों के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। कंप्यूटर पर काम करते समय आप छोटे टेबल लैंप का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से मॉनिटर की चमक कम हो जाती है।इसके अलावा आप अपने लैपटॉप स्क्रीन पर स्क्रीन गार्ड भी लगवा सकते हैं।

सोने पहले ना इस्तेमाल करें फोन

कभी भी सोने जाने से पहले हर तरह के डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल आधे घंटे पहले ही बंद कर दें इतना ही नहीं अपने स्मार्टफोन को भी बेड से दूर रखें। इसके साथ ही साल में एक बार आई चेकअप जरूर करवाएं।

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