महाराष्ट्र के पालघर जिले में भीड़ ने 2 साधु और एक ड्राइवर की पीटकर हत्या कर दी गई। वह साधु गांव रास्ते से गुजरात जा रहे थे। मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए दोनों साधु जा रहे थे। जूना अखाड़ा के दोनों साधु थे। किडनी चोर को लेकर गांव में अफ़वाह फैली हुई थी। पुलिस को घटना के बारे में बताया गया। पुलिस ने वहां पहुंचकर तीनों को अपनी गाड़ी में बैठा लिया। गांव की भीड़ अधिक संख्या में थी दो पुलिसकर्मी भाग निकले। पुलिस की इस बेरुखी की कड़े शब्दों में निंदा होना चाहिए। संत समाज पर ऐसा आक्रमण शोभा नहीं देता। महंत नरेंद्र गिरी ने संत समाज को आह्वान किया है कि लॉकडाउन के दौरान उनकी समाधि में बाहर के संतों को आने की आवश्यकता नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह निष्पक्ष जांच कर साधुओं की हत्या का इंसाफ कर सकें।
संत समाज में रोष
कई लोगों का मानना है कि यह सोची-समझी साजिश थी। यह नंदिनीय और अपराधिक घटना है। आज संतो के हालत होना देश के लिए शर्म की बात है। सनातन धर्म के साधुओं के प्रति शर्मनाक मामला है। पुलिस का वहां होना और कुछ ना करना बेहद शर्मनाक है। साधु चीखते रहे और पुलिस वाले साधु को बचा नहीं पाए। सांप्रदायिकता का घिनौना खेल है जो साधुयो के लिंचिग की ओर संकेत देते हैं। जब पुलिस वहां पर थी तो बचाव को आगे आना चाहिए था। सरकार को सक्त कदम उठाए जाना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। सरकार को जल्दी से जल्दी अपराधियों को पकड़ कर कार्रवाई करना चाहिए। और इस शर्मसार घटना से पर्दा उठना चाहिए। बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी महाराष्ट्र सरकार से इस घटना की हाई लेवल जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। महाराष्ट्र पुलिस के सामने ऐसी घटना होना शर्म की बात है। 110 लोगों से पूछताछ जारी है, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। ऐसी घटनाएं भारत देश की छवि को धूमिल करती हैं। भारत साधु संतों और आस्था का देश है। महाराष्ट्र सरकार के प्रति देश और समाज में आक्रोश है। पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के संतों पर ऐसी घटना होना बेहद शर्मनाक है।
महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नेजूनागढ़ अखाड़े के साधुओं की निर्मम हत्या पर कठोर कार्रवाई करने की बात कही है। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। आरोपियों को ऐसे शर्मनाक और हत्या के लिए कठोर दंड मिलना आवश्यक है। संत समाज ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी है और आरोपियों पर रासुका लगाने की मांग की है। साधुओं का क्रोध महाराष्ट्र सरकार को कटघरे में खड़ा करता है। महाराष्ट्र सरकार में डॉक्टर और पुलिसकर्मी पर भी हमला हुआ। पहले तो मीडिया ने चोरों की अफवाह मानकर मामले को छोड़ दिया। लेकिन जब वीडियो द्वारा घटना की जानकारी हासिल हुई तो मीडिया, देश की जनता और साधु संतो का गुस्सा उद्धव सरकार के खिलाफ लगातार बना हुआ है। अब देखना यह है सरकार इस मामले पर कठोर कदम उठाती है। देश में ऐसी घटनाएं होना शर्म और विचार का विषय है।