कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहा है। इस वायरस से संक्रमित लोगो की संख्या 21 लाख को भी पार कर चुकी है। इनमें से करीब 1.46000 लोग जान गंवा चुके हैं। लेकिन सबके ज़हन में बस एक ही सवाल है और वो यह है कि कोरोना वायरस फैला कैसे। इस सवाल का जवाब सभी खोज रहे हैं, वंही कुछ देश ऐसे हैं जो इसे चीन की लैब में बना एक हथियार बता रहे हैं, दसूरी तरफ चीन अपने बचाव में डबलुएचओ के क्लीन चिट को चमका रहा है।
दुनिया में इस वायरस के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में ही दर्ज किए गए हैं। अमेरिका में करीब 6 लाख से भी ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में है और हजारो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हाल ही मेंअमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स न्यूज ने गुरुवार को दावा किया कि चीन ने एक विशेष उद्देश्य से इस वायरस को वुहान की लैब में पैदा किया ताकि वह बता सके कि उसके वैज्ञानिक अमेरिकी वैज्ञानिकों से कहीं आगे हैं। चीन ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह कोरोना जैसे खतरनाक वायरस की अमेरिका की तरह या उससे ज्यादा अच्छे से पहचान कर सकता है और उससे पूरी ताकत के साथ निपट सकता है। यह उसका अब तक का सबसे महंगा और गुप्त कार्यक्रम था।
वुहान पर झूठ बोल रहा है चीन
चैनल ने सूत्र के हवाले से कहा कि डॉक्टरों के प्रयासों और इस वायरस को शुरू में लैब में रोकने से जुड़े कई दस्तावेजों के अध्ययन से यह पता चलता है कि वुहान में जिस वेट मार्केट की पहचान कोरोना फैलने के रूप में की गई थी, वहां चमगादड़ बिकते ही नहीं थे। चीन ने वेट मार्केट की थ्योरी को भी जान बूझकर फैलाया ताकि लैब पर लगने वाले आरोप दब जाएं। चीन चाहता था कि इसके जरिए वह अमेरिका और इटली को निशाना बनाए।
राष्ट्रपति ट्रम्प की चीन को चुनौती
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को ही कहा था कि वुहान की लैब से कोरोनावायरस दुर्घटनावश लोगों में फैला या जानबूझकर, इसका पता हम लगाकर ही रहेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो पहले ही कह चुके हैं कि चीन को बताना होगा कि वायरस कैसे फैला?
डबलुएचओ की रिपोर्ट के पीछे छिपता चीन
चीन के विदेश मंत्रायलय की ओर से प्रवक्ता झाओ लिजियन ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के आरोपों का खंडन कर डबलुएचओ की रिपोर्ट के बारे में बताया। उन्होने बताया कि डबलुएचओ ने इस बात की पुष्ठि की है कि यह कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब में नही बना है।