रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था में मंदी को देखते हुए रेपो रेट में 75 अंको की कटौती की है, जिसके कारण अर्थव्यवस्था को सुधारा जाएगा। छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घट जाने से और रेपो रेट में कटौती होने से म्यूचल फंड के डेट फंड अच्छा रिटर्न देंगे। बैंकों ने जमा पैसे पर ब्याज कम कर दिया है। जिसके कारण पीपीएस, एनएससी जैसी स्कीम से ब्याज दर घट गई है। लोग तो अपने पैसे पर सालाना रिटर्न की उम्मीद करते हैं ऐसे समय में म्यूचल फंड बहुत अच्छा विकल्प है।
इक्विटी म्यूचल फंड
पिछले 1 साल से डेट फंड की सभी कैटेगरी में मजबूती देखने को मिली है। आईडीएफसी गवर्नमेंट सिक्योरिटी कांस्टेंट फंड जिसमें 1 साल में 16 फीसदी का रिटर्न मिला है। इन्वेस्टमेंट के लिए तो मुचल फंड से अच्छा विकल्प कुछ भी नहीं है। एसबीआई मैग्नम गिल्ट फंड 1 साल में 16 फीसदी अच्छा रिटर्न आया है। चाहे डीएसपी गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड की बात करें या फिर आईसीआईसीआई मैच्योरिटी फंड सभी में अच्छा रिटर्न मिला है।
एफडी पर घटती ब्याज दर
आरबीआई के आदेश के अनुसार सभी बैंकों ने एफडी की दरों में कटौती की है जिसके कारण 5.7 फीस भी सालाना ब्याज मिल रहा है। 5 साल तक एफडी पर 6फीसदी ब्याज ही मिलेगा। निवेशक सालाना अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। ऐसे समय में बैंकों ने तो ब्याज दर कम कर दी है। बैंकों की ब्याज दर कम होने से लोगों का म्यूचल फंड में जाना बेहतर विकल्प है।
पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम
सरकार ने डाकघर की छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरों में कटौती की है। अब निवेश करने से पहले आप अपने कैलकुलेशन कर ले मैच्योरिटी के बाद आपकी रकम कितनी होगी। अगर मान लीजिए 12,500 रुपए मंथली आप जमा करते हैं तो सालाना डेढ़ लाख रुपए होता है। जिस पर 15 साल के बाद 21 लाख रुपए ब्याज का फायदा मिलता था। ब्याज दरों में कटौती होने से अब उसी पैसे पर 18 लाख 20 ह़जार के लगभग पैसा मिलेगा। ब्याज दरों पर कटौती होने से निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
1 अप्रैल से टैक्स में किए बदलाव
1920 -21 नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है इसमें टेक्स्ट को लेकर कई बदलाव किए गए हैं। 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में म्यूचल फंड की ओर से दिया जाने वाला डिविडेंड पर डीडीटी खत्म कर दिया गया है। PF और NPS में नियोक्ता लिमिटेड योगदान टैक्स फ्री में होगा। विदेश जाना भी महंगा हो गया है। विदेश का ट्रैवल पैकेज लेते समय सात लाख से ज्यादा की विदेशी करेंसी पर टैक्स कलेक्शन अट सोर्स का भुगतान करना पड़ेगा। स्टार्टअप कर्मचारियों को टैक्स नियमों में छूट देने का प्रावधान है। 30 जून तक निवेश प्लान में छूट का फायदा ले सकते हैं और आईटी एक्ट के तहत छूट मिलती है। उस छूट को निवेशक इनकम टैक्स रिटर्न क्लेम में दर्शा सकते हैं इनकम टैक्स से छूट का लाभ भी मिल सकता है। एलआईसी की पुरानी पॉलिसियों, मेडिक्लेम, पीपीएफ, एनपीएस जैसी योजनाओं में 30 जून तक पेमेंट कर सकते हैं। इस प्रकार निवेश के द्वारा टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं।