समुंद्र रहस्य से भरा हुआ है, आज भी हम केवल समुंद्र के 5 प्रतिशत हिस्से को ही जान पाएं हैं और उसमें भी न जाने कितने ऐसे जीव पाए गए हैं जिनकी क्षमताएं और आकार दोनो हैरान कर देने वाली है। आज हम आपको ऐसे ही एक जीव के बारे में बताने वाले हैं जिसे आपने देखा तो होगा, लेकिन उसका साइज बहुत छोटा होगा, हम बात कर रहे हैं केकड़े की, अक्सर बहुत छोटी सी लंबाई वाला यह जीव छोटे मोटे किड़े मकोड़ो को खाता है। लेकिन जिस केकड़े की बात हम कर रहे हैं यह इंसानी हड्डी को भी कुछ सैकेंड्स में ही तोड़ सकता है।
दैत्य केकड़ा
यह केकड़ा दक्षिण पश्चिमी प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में पाया जाता है, जिसे लोग दैत्य केकड़ा भी कह कर बुलाते हैं, क्योंकि यह आकार में सामान्य केकड़ों से काफी बड़ा होता है। एक वयस्क ‘दैत्य केकड़े’ की लंबाई एक मीटर होती है जबकि वजन 4.5 किलो के आसपास होता है।
कोकोनट क्रैब
इस दैत्य केकड़े का नुकीला कांटा काफी मजबूत होता है जिससे यह नारियल के खोल को भी एक वार में ही तोड़़ देता है और यह आम तौर पर भी नारियल के पेड़ से नारियल गिरा देते हैं जिसकी वजह से इन्हे कोकोनट क्रैब भी कहा जात है। एक रिसर्च में बताया गया है कि इसके नुकीले कांटो की क्षमता 3300 न्यूटन तक होती है, जो इंसानी हड्डी की तोड़ने के लिए काफी है।
समय का बदलता है रंग
कोकोनट क्रैब की बहुत सी खासियत हैं यह अपने जन्म के समय अलग रंग के होते हैं, वंही जब युवा अवस्था में आते हैं तब यह भूरे रंग के हो जाते हैं और इनके पैरों पर काली धारिंया होती है। इसके बाद जब यह वय्सक होते हैं तो यह हल्के बैंगनी या गहरे बैंगनी रंग के हो जाते हैं। हालांकि इस प्रजाती के कुछ केकड़े हमेशा भूरे रंग के ही रहते हैं।
सड़ी गली चीज खाते हैं यह
यह कोकोनट क्रैब सड़ी गली चीजे ही खाते दिखाई देते हैं उसमें चाहे किसी जीव की मृत शरीर हो या फिर सड़ी गली सब्जियां, और आदि। इन क्रैब की सूंघने की क्षमता किसी अन्य केकेड़़े के मुकाबले काफी अधिक होती है। यह अक्सर अपने खाने की तलाश में रात के अंधेरे में ही निकलते हैं।
चोर केकड़ा
कोकोनट क्रैब को चोर केकड़ा भी कहा जाता है, क्योंकि ये अक्सर बर्तन या अन्य सामानों को चुपके से उठाकर लेकर चले जाते हैं। हालांकि ये सिर्फ गंदे बर्तनों को ही उठाकर ले जाते हैं, जिनके अंदर से दुर्गंध आती है।