दुनिया भर में लॉकडाउन की स्थिति से अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। देशों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक तरफ हेल्थ को लेकर चिंता है, वहीं दूसरी तरफ आर्थिक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। सेंसेक्स में भारी गिरावट से निवेशक चिंतित हैं। निवेशक अपनी जमा पूंजी को बढ़ाने के लिए इन्वेस्ट करते हैं। वह अगर कम हो जाती है तो तनाव का कारण बनती है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को देखा जाए तो अनिश्चितता के दौर में पहुंच गई है। न्यूयार्क ने वित्तीय गतिविधि की चिंता व्यक्त की है। दूसरी तिमाही में 24 परसेंट तक का नुकसान हुआ है। बहुत सारे लोगों का रोजगार छिन गया है। बेरोजगारी बढ़ गई है। अमेरिका में भी जरूरी चीजों को छोड़कर लॉक डाउन कर दिया गया है। ऐसा लग रहा है दुनिया मे आर्थिक युद्ध छिड़ गया है। बड़ी-बड़ी कंपनियों की स्थिति ठीक नहीं है। छोटी कंपनियां तो अपना सब कुछ गवा चुकी हैं। महामंदी का यह आर्थिक दौर बेहद चिंताजनक है। नौकरियां जाने से आर्थिक संकट तेजी से बढ़ रहा है। कच्चे तेल की भरमार होने से पूजा उद्योग को काफी झटका लगा है। भविष्य को लेकर यह आंकड़े काफी चिंतित हैं।
शेयर बाजार का रुख चिंताजनक
लाकडाउन होने की वजह से मुचल फंड योजनाओं में निवेश करने वालों के रिटर्न में 25 परसेंट तक की गिरावट आई है। इस मंदी के दौर में फाइनेंसियल स्थिति पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। सप्ताह में 4000 से भी ज्यादा सेंसक्स का गिरना चिंताजनक है। देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिससे अर्थव्यवस्था डामाडोल हो रही है। शेयर बाजारों में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिल रही है। हमारी के कारण लोगों को घर में बंद रहना पड़ रहा है। ऐसे में वर्क फ्रॉम होम का चलन पढ़ रहा है मौजूदा परिस्थितियों में और संस्थान काम करने का तरीका बदल रहे हैं।कुछ कंपनियां निवेश मौके दे रही हैं।
शेयर बाजार में ऐसी मंदी रही तो तीन चार साल लोगों को उबरने में लग जाएंगे। ऐसे में लोगों को पैनिक ना होने की सलाह दी है। लॉन्ग टाइम के निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
अधिक समय तक वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित
इस महा मंदी का असर जल्दी खत्म होने वाला नहीं है। लोगों को कई साल इससे उबरने में लग जाएंगे। निवेशकों को संयम रखना आवश्यक है। लंबे निवेशक बनकर कम नुकसान का सामना करेंगे। कंपनियां अपनी तरफ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को समझाने का काम कर रही हैं। सबसे बड़े सरकारी बैंको ने अपने कर्मचारियों को काम करने के लिए उत्साहित कर रही है। परिवार को इस आर्थिक संकट से निकालने का उपाय बता रहे हैं। इस महामारी में लोगों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है जिसे निकालने के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए हैं। लोगों को कोरोना बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं।
सरकारी और निजी कंपनियों से लोगों का वेतन ना काटने का आग्रह किया जा रहा है। सभी साथ मिलकर इस महामंदी को हराने का प्रयास कर रहे हैं। जान है तो जहान है, वाली स्थिति बनी हुई है। अगर हम सुरक्षित है तो आगे भी दुनिया है। सबसे पहले घर में रहकर अपना और परिवार का ध्यान रखना है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के नुकसान का खामियाजा तो दुनिया को भुगतना ही पड़ेगा। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रहें, यही प्राथमिकता है। भारत जैसे देश में यह बीमारी तेजी से बढ़ी तो संभालना मुश्किल हो जाएगा। समझदार बनकर, संयम के साथ इस स्थिति का सामना करें।