क्रिकेट के इतिहास में सचिन तेंदुलकर का नाम विश्व विख्यात है। भारत में तो सर्वोच्च नागरिक भारत रत्न से सम्मानित होने वाले कम उम्र के व्यक्ति हैं। 24 अप्रैल 1973 को उनका जन्म हुआ । विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में सचिन तेंदुलकर हैं। जिन्हें हम प्यार से क्रिकेट के भगवान और मास्टर ब्लास्टर भी कहते हैं। आइए आज हम देश के महान खिलाड़ी सचिन के बारे में जाने।
पारिवारिक इतिहास
सचिन का जन्म मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ। रमेश तेंदुलकर इनके पिता थे। अजीत इनके बड़े भाई, नितिन और सविताई उनकी बहन है। 1995 में डॉक्टर अंजली मेहता से सचिन की शादी हुई। सचिन और अंजलि के दो बच्चे हैं। सचिन का बेटा भी क्रिकेटर है। सचिन सौम्य और सरल स्वभाव के क्रिकेटर हैं।
खेल ही सचिन की दुनिया
सचिन तेंदुलकर दाएं हाथ के बल्लेबाज है। सचिन की बल्लेबाजी पहले आक्रमक होती थी। क्रिकेट में भारत के लिए तो सचिन नाम ही काफी होता था। सचिन की लोकप्रियता इतनी है कि लोग देश विदेशों में उन्हें पसंद करते हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे में कई बार सचिन ने आक्रमक बल्लेबाजी का परिचय दिया है। 16 फरवरी 2012 को बांग्लादेश के खिलाफ 100 वा शतक सचिन ने लगाया।
- एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय खेल में 18000 से अधिक रन सचिन के नाम हैं।
- टी-20, आईपीएल, चैंपियन लीग मैं भी सचिन में बेहतर प्रदर्शन किया है। कप्तान के तौर पर वह अच्छे खिलाड़ी साबित हुए।
- वह टेस्ट क्रिकेट के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
- सबसे कम उम्र मैं उन्होंने खेल खेलना शुरू किया
- 2011 का क्रिकेट विश्व कप तो सचिन का सपना ही सच कर गया।
- 2012 में राज्यसभा की सदस्य के रूप में उन्हें नामित किया गया।
- सचिन पर बायोपिक फिल्म सचिन ए बिलियन ड्रीम्स बनी है।
- आईपीएल में भी उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए।
सचिन की लोकप्रियता
सचिन तेंदुलकर के भारत में बहुत प्रशंसक हैं। दुनिया भर में सचिन को खेलते हुए देखकर लोग बहुत खुश रहते। पूरी दुनिया सचिन तेंदुलकर को भगवान की तरह पूजा करती है। क्रिकेट को सचिन के नाम से ही ज्यादा लोग देखते हैं। मुंबई में तो सचिन के प्रशंसकों का हाल ही बुरा है। सचिन बिग पहने और रात में ही घर से निकलते थे। सचिन तेंदुलकर ने एकदिवसीय मैचों में सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाएं। पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सचिन को सलामी बल्लेबाज कहा। 24 फरवरी 2010 को एकदिवसीय क्रिकेट में 200 रन बनाकर ऐतिहासिक पारी खेली थी। दोहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने। देश को क्रिकेट की दुनिया में मशहूर कर दिया।
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास
23 दिसंबर 2012 को सचिन ने वनडे क्रिकेट से सन्यास की घोषणा की। सचिन ने वानखेड़े स्टेडियम मुंबई में अंतिम टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला। 16 नवंबर 2013 को क्रिकेट से अलविदा कह दिया। भारत सरकार ने खेल जगत में सचिन के योगदान को देखकर देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की। सचिन के नाम तो ढेरों राष्ट्रीय सम्मान है, लेकिन भारत रत्न सबसे बड़ा है। 2014 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सचिन को भारत रत्न से सम्मानित किया। 40 साल के सबसे कम उम्र के भारत रत्न पाने वाले खिलाड़ी बने।