Friday, November 22, 2024
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#विराथू

by SamacharHub
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जो काम अमेरिका फ्रांस भारत रूस कोई नहीं कर पाया…वो बर्मा के “विराथू” जी ने कर दिखाया.

आज बर्मा में करोडो रुपये के बने मस्जिद वीरान पड़े हैं…क्यूंकि आज देश मे मुसलमान देखने को नहीं है… जो की वहां जाए और देखे मस्जिदों को…और जो है वहां, उसकी तबीयत से ठुकाई हो रही है…!
“विराथु” जिसके बाद ही लोग जान पाए कि ये महान इंसान कौन है…? ! और इन्होने क्या कर डाला है…? !

क्या भारत को भी एक ऐसे आसीन “विराथू” की जरुरत है…? ! कौन इस सन्त की तरह भूमिका निभा सकता भारत मे…? ! मित्रो “आसीन विराथु” – वो भगवा संत जिसके नाम से काँपते हैं मुसलमान…!
“विराथु”…जी हाँ, बस ये शब्द ही काफी है म्यांमार में, इस शब्द को सुनकर मुस्लिमों में कंपकपी मच जाती है…!

बर्मा के बौद्ध गुरु “विराथु जी” ने आखिर किस तरीके से मुस्लिम को भगाया या कमज़ोर किया समझो…!
जैसे मुसलमानों का ‘७८६’ का नंबर लकी माना जाता है वैसे ही विराथु ने ‘”९६९”‘ का नंबर निकाला…और उन्होंने पुरे देश के लोगों से आह्वान किया…कि जो भी राष्ट्रभक्त बौद्ध है वो इस स्टीकर को अपने अपनी जगह पर लगायें…!

इसके बाद टैक्सी चलाने वालों ने टैक्सी पर ,दूकान वालों ने दूकान पर इसको लगाना शुरू किया.लेकिन “विराथु” का सन्देश साफ़ था…कि हर (हम) बौद्ध अपनी सारी खरीदारी और व्यापार वहीँ करेंगे जहां ये स्टीकर लगा होगा.किसी को टैक्सी में चढ़ना हो तो उसी टैक्सी में चढ़ेंगे जिसके ऊपर ये स्टीकर होगा.उसी रेस्टोरेंट में खायेंगे जहां ये स्टीकर होगा.
उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है ऐसी हालत में मुस्लिम सऊदी से आये पैसों के दम पर अपने माल को कम कीमत पर बेच कर आपको आकर्षित करे.
लेकिन आप ध्यान रखना आप दो पैसा ज्यादा देना… और सोचना कि आपने अपने देश के लिए पैसा लगाया है.
दो पैसे कम में खरीद कर मातृभूमि से गद्दारी मत करना “वो आपके पैसे आपको ही मिटाने में लगाते हैं… मुर्खता मत करना…!”

दोस्तों…हालत ये हो गए कि “मुस्लिम के व्यापार ठप्प पड़ गए.मुस्लिम इतने आतंकित हुए कि इस स्टीकर लगी टैक्सी को चढ़ना तो दूर.किनारे से कन्नी काटने लगे.पुरे देश में मुसलमानों के होश ठिकाने आ गए.और फिर ये स्टीकर एक तरह से देशभक्ति का प्रमाण बन गया.उनके जिहाद का जवाब बन गया और इस अनोखे आईडिया का प्रभाव आप देख सकते हैं कि आज बर्मा से मुस्लिम भाग चुके हैं.

“विराथु” वो संत हैं जिन्होंने आतंक के खिलाफ पूरे म्यांमार को खड़ा कर दिया गया और फिर वहां से लोगों ने अवैध मुस्लिमों को खदेड़ डाला.लोग जो भगवान बुद्ध की बातों पर अमल करते आ रहे थे उन लोगों ने देश की रक्षा के लिए बुद्ध की बातों को छोड़ संत “विराथु” की बातों पर अमल किया

“विराथु” ने कहा, “चाहे आप कितने भी दयावान और शांतिप्रिय हो पर आप एक पागल कुत्ते के साथ नहीं सो सकते अन्यथा आपकी शांति वहां कोई काम नहीं आएगी और आप बर्बरता से ख़त्म कर दिए जाओगे”
उन्होंने कहा, “शांति स्थापित करने के लिए हथियार उठाना होगा, शांति के लिए युद्ध जरुरी है।” ये सारी बातें “विराथु” ने गीता से ली और फिर आतंक की बीमारी झेल रहे म्यांमार के लोग एकजुट हो गए वो “विराथु” के लिए जान लेने और देने को तैयार हो गए और पूरे म्यांमार से अवैध मुसलमानो को खदेड़ा जाने लगा.

विराथू के प्रवचनों को अगर कोई सुने तो उसे लग सकता है कि शांत स्वरों में मोक्षप्राप्ति की बात चल रही है.

म्यांमार में हुई हिंसक घटनाओं के बाद से अब प्राय: पूरी दुनिया में बौद्धों और मुस्लिमों में भारी तनातनी पैदा हो गई है… जिनमें “अशीन विराथु” बौद्ध दुनिया के एक नायक एवं जेहादी दुनिया के लिए एक बड़े खलनायक बन कर उभरे हैं.
म्यांमार में हुए कई सर्वेक्षणों के बाद ये प्रमाणित हो चुका है कि जनता एवं बौद्ध भिक्षु विराथु” के साथ है.”विराथु” का स्वयं भी कहना है कि वह न तो घृणा फैलाने में विश्वास रखते हैं और न हिंसा के समर्थक हैं। लेकिन हम कब तक मौन रहकर सारी हिंसा और अत्याचार को झेलते रह सकते हैं?

इसलिए वह अब पूरे देश में घूम-घूम कर भिक्षुओं तथा सामान्यजनों को उपदेश दे रहे हैं कि… “यदि हम आज कमजोर पड़े, तो अपने ही देश में हम शरणार्थी हो जाएंगे.
🚩🚩 जय जय श्रीराम 🚩🚩

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