भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एकदम से बड़ी बढ़ोतरी हुई है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 471.3 अरब डॉलर पहुंच चुका है। एकदम से विदेशी मुद्रा भंडार में 4.607 अरब डॉलर बढ़ा है। इसका कारण विदेशी मुद्रा की परिसंपत्ति बढ़ना बताया जा रहा है। रिजर्व बैंक द्वारा यह बताया गया कि 4 फरवरी 2020 को विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड पर था। इससे पहले 24 फरवरी को भी यह हो चुका है। यह 4.5 अरब डॉलर बढ़कर 466.6 अरब डॉलर पर आ गया था। वही विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखती है और यह करीब 437.248 अरब डॉलर है।
सोने का भंडार भी बढ़ा
विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति डॉलर में बताई जाती है। इसमें अमेरिकी मुद्रा शामिल नहीं रहती और अन्य विदेशी मुद्रा जैसे यूरो, येन और पाउंड में वृद्धि का प्रभाव शामिल रहता है। स्वर्ण मुद्रा भंडार की बात की जाए तो यह 28.2 करोड डॉलर बढ़ चुका है। अब यह 28.99 अरब डॉलर हो चुका है। यदि एसटीआर की बात की जाए तो यह 40 लाख डॉलर कम हो चुका है और 1.43 अरब डॉलर है। वर्तमान में आईएमएफ का मुद्रा भंडार 3.65 अरब डॉलर है।
शेयर बाजार में कमज़ोरी
शेयर बाजार में एकदम से तेजी आई थी और वह थम चुकी है। कोरोनावायरस के कारण यह कमजोरी बताई जा रही है। कोरोनावायरस की वजह से काफी मौतें हो चुकी है और यह सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसकी वजह से एशिया के बाजारों में गिरावट आई है। बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स की बात की जाए तो यह 164.18 अंक नुकसान में रहा और 41141.85 अंक पर बंद हो गया। यह कारोबार के समय सबसे निचले स्तर 41073.36 अंक और उच्च स्तर 41394.41 पर भी पहुंचा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की बात की जाए तो निफ्टी 39.60 के नुकसान पर रहा। यह 12098.35 अंक पर आया। वही इसका स्तर 12073.95 और 12154.70 अंक तक कारोबार के दौरान रहा। हालांकि, साप्ताहिक आधार पर वृद्धि दर्ज की गई है।
क्या रहा कंपनियों का हाल
यदि कंपनियों के हाल की बात की जाए तो टाटा स्टील, भारती एयरटेल, महिंद्रा और रिलायंस में गिरावट रही। वही इंडसइंड बैंक जो सेंसेक्स की कंपनियों में से एक है को भी 2.69% नुकसान में रहना पड़ा। यदि अन्य कंपनियों की बात की जाए जैसे ओएनजीसी, एचसीएल टेक, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक, हीरो मोटोकॉप तो इनके शेयर 3.3% चढ़े हैं। 30 में से 14 सेंसेक्स के शेयरों को नुकसान में रहना पड़ा। विशेषज्ञों के हिसाब से कोरोनावायरस के कारण बाजारों पर प्रभाव पड़ रहा है। मौद्रिक समीक्षा सही रहने के बाद भी बाजार गिरावट में रह रहे हैं। इसकी वजह से दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भी प्रभाव पड़ सकता है।
इस वजह से घरेलू बाजार में स्थिरता आ सकती है। वही स्मॉलकैप और मिडकैप में लाभ दर्ज किया गया। कोरोनावायरस की वजह से 636 मृतकों की संख्या पहुंच चुकी है और अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ। एशियाई बाजारों पर काफी गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं यूरोपीय बाजार भी नुकसान झेल रहे हैं।