दादी माँ विलाप कर रही थी…
क्योंकि दूसरी संतान भी पोती ही हुई थी,
पड़ोसन ने समझाया-
क्या फर्क पड़ता है कि लड़की हो या लड़का…
दादी माँ ने एक ठंडी साँस ली और बोली-
मैं भी जानती हूँ कि बेटियाँ लक्ष्मी होती हैं,
लेकिन मुझे दुख सिर्फ इतना है कि अगर मेरी बहू को बहू नहीं मिली. . .
तो उसे सास बनने का दर्द कब महसूस होगा…???
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रिश्ता वही सोच नयी…
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