आप अपने जीवन में कई बार हवाई जहाज या फिर पानी के जहाज में किसी यात्रा पर गए होंगे… लेकिन क्या आपने कभी ऐसी किसी घटना के बारे में सुना या देखा है कि पानी के जहाज के क्रू मेंबर्स की मौत हो गई हो? शायद नहीं तो हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सभी क्रू मेंबर्स की मौत हो गई और वजह का भी पता नहीं चला…
साल 1947 के जून महीने की बात है… जब कई जहाज मलक्का की खाड़ी में व्यापारिक मार्ग से गुजर रहे थे कि इसी दौरान एक हैरान करने वाला संदेश पहुंचा… वो संदेश था कि जहजा के सभी क्रू मेंबर्स की मौत हो गई है… ऐसे में जो जहाज नजदीक थे उन्होंने सिग्नल का सोर्स पहचाना और उसकी तरफ आगे बढ़े… इनमें से सबसे नजदीक मर्चेन्ट शिप द सिल्वल स्टार थी जो कि सिग्नल की तरफ तेजी से पहुंची और जैसे ही ओरंग मेडान पर सभी पहुंचे तो सामने का नजारा देख हर कोई हैरान रह गया..
उन्होंने देखा कि हर क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी… जहाज पर लाशें इधर-उधर बिखरी पड़ी हुई थीं.. इंसान तो इंसान जहाज पर कुत्ते की भी मौत हो गई थी… बॉयलर रूम में शवों के नजदीक जाने पर क्रू सदस्यों को बहुत ठंड लगने लगी जबकि तापमान 110 डिग्री था… हैरान कर देने वाली बात यह थी कि मरने वाले लोगों के शरीर पर किसी तरह की कोई चोट नहीं थी… कुछ लोगों ने इस पूरी घटना के प्राकृतिक गैसों के बादल बनने का हवाला दिया… वहीं अधिकांश लोग इसके पीछे सुपरनैचुरल पावर को जिम्मेदार बताया… लेकिन आज भी ये पता नहीं चल पाया कि आखिर ये घटना हुई तो हुई कैसे…