Thursday, November 21, 2024
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सावधान! सर्दियों में हीटर इस्तेमाल करने के हैं कई नुकसान

by Yogita Chauhan
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सेहत के लिए नुकसानदेह है इलेक्ट्रिक हीटर

जिस तरह गर्मी का मौसम शुरू होते ही हम बिना एसी के नहीं रह पाते ठीक उसी तरह सर्दी का मौसम शुरू होते ही ज्यादातर घरों में इलेक्ट्रिक हीटर्स निकल आते हैं। आपने भी बहुत से लोगों को देखा होगा और कई बार आप खुद भी नहाकर बाथरूम से बाहर आते ही हीटर के सामने खुद को गर्म करने में लग जाते हैं। बहुत से लोग तो रातभर हीटर जलाकर ही सोते हैं। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं तो सर्दियों में हद से ज्यादा इंडोर हीटर का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। सर्दियों में इलेक्ट्रिक हीटर यूज करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है, कैसे यहां जानें….

दम घुटने की परेशानी

इलेक्ट्रीक हीटर्स रूम में मौजूद हवा की नमी को सोखकर हवा को ड्राई बना देते हैं। ऐसे में वैसे लोग जो पहले से ही सांस संबंधी किसी तरह की बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें सफोकेशन यानी दम घुटने की दिक्कत महसूस होने लगती है। इस परेशानी से बचने के लिए आपको हीटर इस्तेमाल करते वक्त रूम में एक बाल्टी भरकर पानी रखना चाहिए। साथ ही हीटर यूज करते वक्त सभी खिड़की-दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं कर देने चाहिए बल्कि थोड़ा बहुत वेन्टिलेशन जरूर रखना चाहिए।

स्किन हो जाती है ड्राई

जैसा की पहले ही बताया जा चुका है, जैसे ही आप रूम में इलेक्ट्रीक हीटर ऑन करते हैं हीटर से निकलने वाली गर्म हवा कमरे में मौजूद नमी को पूरी तरह से सोख लेती है जिससे हवा के साथ-साथ आपकी स्किन भी ड्राई हो जाती है। खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए ड्राई हवा बेहद नुकसानदेह होती है क्योंकि बच्चों की स्किन सेंसेटिव होती है और हीटर की हवा से उनकी स्किन को नुकसान पहुंचता है।

शरीर के तापमान में उतार-चढ़ाव

आप जब एक बार रूम में हीटर या ब्लोअर चलाकर बैठ जाते हैं तो आपके शरीर का तापमान उस हिसाब से खुद को अडजस्ट कर लेता है लेकिन फिर जब आप उस कमरे से बाहर जाते हैं तो फिर से शरीर के तापमान में अचानक से बदलाव होता है। शरीर के तापमान में इस तरह से उतार-चढ़ाव होने पर बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है।

चोट लगने या जलने का खतरा

अगर रूम में इलेक्ट्रिक हीटर लगाकर आप सावधान न रहें और बहुत लंबे समय तक आप हीटर के सामने ही बैठे रहें तो इससे चोट लगने या फिर जलने का भी खतरा बना रहता है, खासतौर पर नवजात शिशु और बुजुर्गों के मामले में।

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