Friday, September 20, 2024
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मानसून में बचे खतरनाक बीमारियों से, रखें ऐसे ख्याल

by Pratibha Tripathi
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मानसून दस्तक दे चुका है..अगर देखा जाए तो सबसे ज्‍यादा संक्रामक बीमारियां मानसून यानी बरिश के मौसम में ही होती है. अगर आप बारिश में भीगते हैं या इस मौसम में बाहर का खाना खा लेते हैं तो आप भी जानलेवा बीमारी के शिकार हो सकते हैं.

ऐसे मौसम में मच्‍छर का कहर भी कम नहीं होता है. ऐसे समय में डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियां तेजी से फैलती है. आज हम आपको कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में और उनसे बचने के उपाय बताने जा रहे हैं जो बारिश के मौसम में फैलती है…

हैजा से बचने के उपाय
दूषित जल और अस्वच्छता की वजह से फैलने वाला रोग हैजा जिंदगी का सबसे बड़ा खतरा बन सकता है. आस-पास की गंदगी हैजा फैलने का सबसे बड़ा कारण है. इस रोग के होने पर दस्त और उल्टियां आती हैं, पेट में तेज दर्द होता है, बेचैनी और प्यास की अधिकता हो जाती है. इससे बचने के लिए आसपास की सफाई के अलावा पानी उबालकर पीना चाहिए. इस रोग से बचाव का सबसे अच्छा उपाय टीकाकरण है. यह सुलभ भी है और सबसे ज्यादा विश्वसनीय भी. समय रहते रोगी का उपचार जरुरी है क्योंकि हैजा जानलेवा भी हो सकती है.
सर्दी-जुकाम, बुखार
बारिश में भीगने के कारण देर तक शरीर में नमी रहने से सर्दी-खांसी के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं जिससे सर्दी-जुकाम, बुखार और खांसी जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है. इससे बचाव के लिए बारिश में भीगने से बचना जरुरी है. अगर किसी वजह से भी जाते हैं तो तुरंत कपड़े बदलकर सूखे कपड़े पहन लेना चाहिए. गीलापन सुखाने के लिए पंखे आदि की बजाय हीटर या फिर आग प्रयोग में लाएं.

टाइफाइड
मानसून के दिनों की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है टाइफाइड. संक्रमित जल और भोजन से होने वाले इस रोग में तेज बुखार आता है जो कई दिनों तक बना रहता है. संक्रामक रोग होने के कारण टाइफाइड के रोगी को लोगों से दूर रहना चाहिए. टीकाकरण इस बीमारी को रोकने के लिए बहुत जरुरी है. ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन इस रोग से बचाव के लिए फायदेमंद होता है.

चिकनगुनिया के लक्षण और बचाव
चिकनगुनिया एडीज ऐजिपटी मच्छर के काटने से होती है. इस खास तरह के मच्छर के काटने के 3 से 7 दिन के बाद चिकनगुनिया के लक्षण रोगी के शरीर में दिखाई देने लगते हैं. बुखार आना और जोड़ों में दर्द होना, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन औऱ शरीर पर दाने आना इस रोग के लक्षण हैं. इस रोग से बचाव के लिए जरुरी है कि बाहर बिकने वाले खुले खाने से परहेज करें. साफ पानी पिएं, अधिकाधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें ताकि शरीर में पानी की कमी न रहे. लक्षण का पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करें.
मलेरिया से बचाव
बारिश में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाने से मलेरिया की संभावना काफी प्रबल रहती है. मादा एनिफिलीज मच्छर के काटने से होने वाला यह रोग एक संक्रामक रोग है और दुनिया के सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक है। इसलिए इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है. यदि बुखार और बदनदर्द के साथ आपको कंपकंपाहट हो रही है तो यह लक्षण मलेरिया के हैं. मच्छरों के काटने से खुद का बचाव करना इसके रोकथाम का पहला मंत्र है. मलेरिया के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने में ही समझदारी है.

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