टाडा कोर्ट ने अबू सलेम समेत 6 को ठहराया दोषी..
विशेष टाडा कोर्ट ने शुक्रवार को 1993 में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में अबू सलेम समेत 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अबू सलेम को साजिश और आतंक फैलाने का दोषी माना है।
24 साल में क्या-क्या हुआ, जानिए..
- 12 मार्च 1993 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई मैं सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे जिसमें 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घायल हुए थे। पहला धमाका बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28-मंज़िला इमारत की बेसमेंट में हुआ था। उस समय शेयर बाजार में करीब 2000 लोग मौजूद थे।
- उसके बाद मुंबई के अलग-अलग इलाके में एक के बाद एक करके 12 धमाके हुए।
- पुलिस और सीबीआई के मुताबिक ये षडयंत्र अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, मोहम्मद दोसा और उनके साथियों ने मिलकर रचा था।
- 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों की सुनवाई कर रही टाडा अदालत 16 जून को फैसला सुनाएगी।
- 16 जून को धमाकों के सात अभियुक्तों के खिलाफ फैसला आएगा। ये सात अभियुक्त हैं मुस्तफ़ा दोसा, अबू सलेम, रियाज़ सिद्दिक़ी, मोहम्मद ताहेर मर्चेंट, अब्दुल क़य्यूम, फ़ीरो़ज़ ख़ान और करीमुल्लाह।
- 2006 में टाडा अदालत ने इस केस को दो हिस्सों में बांटा था- पार्ट ए और पार्ट बी
- कोर्ट को इसलिए ऐसा करना पड़ा क्योंकि इन सात अभियुक्तों को 2002 के बाद विदेश से प्रत्यर्पित किया गया था जबकि केस की सुनवाई 1995 से चल रही थी। इसीलिये इन सात अभियुक्तों का फैसला तब नहीं हो पाया था। कोर्ट का मानना था कि इन सातों की सुनवाई भी अगर साथ में होगी तो फैसला आने में और देर होगी इसलिए इन सातों की सुनवाई अलग से शुरू की गई।
अभियुक्तों पर आरोप
- इन सातों अभियुक्तों में से सबसे गंभीर आरोप मुस्तफ़ा दोसा पर हैं। दोसा पर आरोप है कि उन्होंने बम धमाकों में लगने वाले एक्सप्लोसिव और गोला बारूद मुंबई में समुद्र के किनारे उतारे थे। पुलिस के मुताबिक़ धमाके के लिए तीन हज़ार किलो से भी ज़्यादा आरडीएक्स उतारा गया था जबकि सिर्फ़ दस फ़ीसदी ही इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा दोसा पर कई अभियुक्तों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने के भी आरोप हैं।
- दोसा को 2003 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था। हालांकि कोर्ट में दोसा ने बयान दिया था कि वो ख़ुद ही वापस आया है ताकि ख़ुद पर लगे आरोपों को ग़लत साबित कर सके।
- अबू सलेम पर हथियारों और धमाके के सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के आरोप हैं। इसके अलावा संजय दत्त को हथियार देने का आरोप भी सलेम पर ही है।
- अब्दुल क़य्यूम पर भी संजय दत्त को हथियार पहुंचाने का आरोप है।
- मोहम्मद ताहेर मर्चेंट पर धमाकों में शामिल कई आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने का आरोप था।
- रियाज़ सिद्दीकी पर आरोप है कि वो आरडीएक्स से भरी मारुति वैन चला कर गुजरात के भरुच इलाके में ले गए और वो गाड़ी अबू सलेम के हवाले कर दी।
- फ़िरोज़ खान इस केस के मुख्य अभियुक्त मोहम्मद दोसा के क़रीबी हैं और उनपर हथियारों और धमाके का सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के आरोप हैं। करीमुल्लाह शाह पर भी यही आरोप हैं।
मुंबई धमाके मामले में पहला फैसला साल 2006 में आया था
- 1993 धमाके के मुक़दमे का सबसे पहला फैसला 2006 मे आया था।
- 189 में से 123 पर मुक़दमा चला था। 123 अभियुक्तों में से 100 को सजा सुनाई गई थी और 23 को बाइज्जत बरी कर दिया गया था।
- 12 को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। इस मामले में 20 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी जिनमें से दो की मौत हो चुकी है। इनके अलावा 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी।
- जिन अभियुक्तों को सज़ा सुनाई गई थी उनमें फिल्म अभिनेता संजय दत्त भी थे।
- इसी फ़ैसले में याकूब मेमन को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। याकूब मेमन को 30 जुलाई 2015 को महाराष्ट्र के यरवडा जेल में फांसी दी गई थी। याक़ूब 1993 धमाकों में वांटेड टाइगर मेमन के भाई थे।
- इस मामले में आज भी 27 अभियुक्त फरार हैं
12 मार्च 1993 के मुंबई धमाके
- पहला धमाका-दोपहर 30 बजे, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज
- दूसरा धमाका-दोपहर 15 बजे, नरसी नाथ स्ट्रीट
- तीसरा धमाका-दोपहर 30 बजे, शिव सेना भवन
- चौथा धमाका-दोपहर 33 बजे,एयर इंडिया बिल्डिंग
- पाँचवा धमाका-दोपहर 45 बजे,सेंचुरी बाज़ार
- छठा धमाका-दोपहर 45 बजे,माहिम
- सातवाँ धमाका-दोपहर 05 बजे,झावेरी बाज़ार
- आठवाँ धमाका-दोपहर 10 बजे,सी रॉक होटल
- नौवाँ धमाका-दोपहर 13 बजे,प्लाजा सिनेमा
- दसवाँ धमाका-दोपहर 20 बजे,जुहू सेंटूर होटल
- ग्यारवाँ धमाका-दोपहर 30 बजे,सहार हवाई अड्डा
- बारहवाँ धमाका-दोपहर 40 बजे,एयरपोर्ट सेंटूर होटल