दुनिया भर के बाजारों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी 5G उतारने वाले हैं। भारत के साथ यह पूरी दुनिया प्रौद्योगिकी किफायती दामों पर उपलब्ध कर सकेगी। रिलायंस जियो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्वदेशी 5G को पेश करने की को तैयार है। 5G का परीक्षण चल रहा है अमेरिका में रिलायंस जिओ 5G प्रौद्योगिकी का परीक्षण सफल रहा।
भारत में परीक्षण के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध ना होने से अभी परीक्षण शुरू नहीं हो पा रहा है। भारत में डिजिटल और डेटा क्रांति होगी। 2021 की दूसरी छमाही में 5G सेवा शुरू करने की घोषणा मुकेश अंबानी कर चुके हैं। प्रत्येक भारतीय को एक किफायती स्मार्टफोन रखने और डिजिटल भागीदारी का अधिकार है। भारतीय उपभोक्ताओं को डिजिटल सेवाएं किफायती दरों पर उपलब्ध होंगी।
सरकार का सभी गांव में ब्रॉडबैंड सेवाओं को पहुंचाने का प्रयास
2022 तक सरकार सभी गांव को ब्रॉडबैंड से जुड़ना चाहती है। सरकार के द्वारा राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत की जाएगी। देशभर में मुख्य रूप से गांव और दूरदराज के सार्वभौमिक और समानता के आधार पर ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार का प्रयास मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने का भी लक्ष्य है। देश में टॉवर्स की संख्या 10 लाख हो जाएगी। 5G की तैयारी के लिए भारत को स्पेक्ट्रम की नीलामी इसी साल करानी होगी। 5Gके जरिए उपभोक्ताओं को बड़े उत्पादन का लाभ मिल सकेगा। लोगों को घर पर ही सभी सेवाएं मिल सकेंगी। शिक्षा, मनोरंजन, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में काफी फायदा मिलेगा।
2025 तक 5G कनेक्शन 8.8 करोड़ पहुंचेंगे
भारत में 2025 तक मोबाइल ग्राहकों की संख्या 92 करोड़ तक हो जाएगी जिनके पास 88 करोड़ 5G कनेक्शन होंगे। मोबाइल डाटा के मामले में भारत दुनिया का सबसे सस्ता बाजार है। दुनिया के नए मोबाइल ग्राहकों में भारत के हिस्सेदारी करीब एक तिहाई होगी।
अनुमानके अनुसार भारतीय मोबाइल बाजार 2019 की दूसरी छमाही में आय की वृद्धि की राह पर आ जाएगी और 2025 का केस में हल्की बढ़ोतरी होगी। 1GB डाटा की औसत कीमत 18.5 थी जबकि वैश्विक औसत मूल्य 8.53 डॉलर प्रति गीगाबाइट है।
कम शुल्क प्रति उपयोगकर्ता से दरें सस्ती हैं। 2025 तक भारत दूसरा सबसे बड़ा स्मार्ट फोन बाजार होगा। नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में दूरसंचार मंत्रालय की जिम्मेदारी श्री रविशंकर प्रसाद को दी गई है। दुनिया के अन्य देशों के साथ भारत को भी 5जी सेवाओं को दूरसंचार क्षेत्र में लागू करने की चुनौती है। देश में डिजिटल इंडिया के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल सेवाओं को गति देने की गई पहल की गई हैं।
5 जी के विकास पर हो रहा है काम
दूरसंचार कंपनियां 5जी के विकास पर काम कर रही हैं। 5G प्रौद्योगिकी का उपयोग किन किन क्षेत्रों में हो सकेगा। इसके लिए विभाग तैयारी कर रहा है। विभाग को टेली मेडिसन, निगरानी के लिए ड्रोन, वायु और जल प्रदूषण की निगरानी अधिकारियों में 5G प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रस्ताव मिले हैं।
इस काम में सरकारी क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड और निजी क्षेत्र की रिलायंस जिओ काफी आगे है। दूरसंचार सेवा कंपनियों को आवश्यक स्पेक्ट्रम का आवंटन हो जाने के बाद कंपनियां देश में 5जी सेवाएं शुरू कर सकेंगी। कंपनियां केंद्रीय समूह बना रहे हैं। दूरसंचार विभाग में 5जी प्रयोग की के उपयोग के तौर तरीकों का विकास करने के लिए एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सिस्को एनईसी से संपर्क किया है। इसमें कुछ कंपनियां काफी काम कर चुकी हैं।