दुबई नगर पालिका के ऑफिस की यह बिल्डिंग है। दुनिया की सबसे बड़ी 3D प्रिंटेड इमारत के नाम से प्रसिद्ध है। 2 मंजिला इमारत 6,900 वर्ग फीट में बनाई गई है। इस इमारत के खासियत यह है कि इसमें तेजी से सूखने वाले सीमेंट का उपयोग किया गया है। जिप्सम को बेस में मिलाया गया है। 3D प्रिंटिंग तकनीक से तैयार इमारत की लागत सामान्य मटेरियल की तुलना में आधी होती है। टिकाऊ और मजबूती सामान्य इमारत से कहीं ज्यादा और आकर्षक होती है।
इमारत के तकनीक और डिजाइन
दुबई 2030 तक 25 फीसदी तक 3D प्रिंटेड इमारत बनाने वाला है। इन इमारतों में सामान्य इमारतों की तुलना में 70% तक लागत कम होती है। दुनिया में इन इमारतों की शुरुआत 1980 में खोजी गई। इंजीनियर ऑफ फिजिसिस्ट चुक हुल ने ऐसी इमारतों को खोजा। चीन देश में 90 फीट ऊंची 5 मंजिला 3D बिल्डिंग है। ऐसी बिल्डिंगों को डिजाइन करने का काम बोस्टन की कंपनी एपिस कोर ने डिजाइन किया है। जिप्सम कंपाउंड युक्त क्रेन की मदद से इन बिल्डिंगों को तैयार किया जाता है 3D प्रिंटेड तकनीक में दीवारों के बनने के बाद खिड़कियों को अलग से काटकर तैयार किया जाता है। अभी तो 3D प्रिंटेड तकनीक इमारत की शुरुआत का दौर है। अब दुनिया में ऐसी इमारतों को बनाने का कार्य चल रहा है।
सबसे ऊंची 3D बिल्डिंग
बोस्टन की कंपनी की सीईओ निकिता चेनियुताई ने वेबसाइट के माध्यम से 3D प्रिंटेड इमारतों के दौड़ की शुरुआत कहां है। कम लागत में बनने वाली यह इमारतें काफी सुलभ है। दुबई की तकनीक का शुक्रिया अदा किया है कि उन्हें यह तकनीक विकसित करने का मौका मिला। यह कंपनी अपना अगला प्रोजेक्ट लुजियाना और कैलिफोर्निया में कर रही है। 24 घंटे में 500 वर्ग फीट में रहने योग्य घर बना लेती है।
3D प्रिंटिंग तकनीक में इस्तेमाल होने वाली सामग्री
3D प्रिंटिंग तकनीक सस्ते निर्माण की संभावना को बढ़ावा देती है। यह मजबूत और आधुनिक तकनीक है। इसका निर्माण धातु की मदद से किया जाता है। 3D प्रिंटर तकनीक में कांच प्लास्टिक और रीजन आदि सामग्री की परत के द्वारा वस्तुओं की परत का उपयोग होता है। छोटे और जटिल वस्तुओं को और घटकों को उपयोगी मनाया जाता है। कंप्यूटर नियंत्रित प्रिंटर का विकास संरचनाओं का तेजी से पैदा करना हो सकता है। इससे सस्ते निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। 3D प्रिंटिंग बिल्डिंग घरों का उत्पादन कर रही है। विकासशील देशों में 3D प्रिंटिंग घर को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन बिल्डिंगों का निर्माण कई स्रोतों से उत्सर्जन को कम कर सकता है। इनमें शिपिंग की बजाय स्थानीय संसाधनों के साथ, साइट का उत्पादन करने में वैश्विक आपूर्ति श्रंखला ऊपर निर्भरता कम हो गई। संसाधनों का अपव्यय भी कम होगा आपदा क्षेत्रों में भी इन इमारतों का निर्माण आसानी से हो सकेगा। मशीन द्वारा निर्मित घर से मानव श्रम भी बचेगा। विकासशील देशों में सुरक्षित के फायदे और टिकाऊ घर की आवश्यकता पूरी होगी। कम खर्च में अच्छी और मजबूत निर्माण की संभावना बढ़ेगी। तकनीकी क्षेत्र में 3D प्रिंटेड घर नया कदम है जो नवीनता के आधार पर बदलाव का संकेत है। भविष्य में 3D प्रिंटेड तकनीक अधिक से अधिक देखने को मिलेगी।