जैसा कि हम जानते हैं कि चाइल्ड काउंसलिंग यानि कि बच्चों की परवरिश करना अपने आप में एक मुश्किल काम है। बच्चों की परवरिश का मतलब सिर्फ़ यह नहीं होता कि आपको उन्हें एक अच्छा इंसान बनाना है बल्कि आपको उनके ज़रिए अपनी भी एक पहचान समाज में बनानी होती है। यदि बात हमारे समाज की करें तो ज़्यादातर यही देखा जाता है कि माँ बाप की परवरिश अच्छी है या बुरी इस बात को बच्चों की पर्सनालिटी को सोशल नोर्म्स की कसौटी पर रखकर जज किया जाता है।
इस बात को हम ग़लत भी नहीं कह सकते हैं। हालाँकि कोई भी माँ बाप ये नहीं चाहते हैं कि उनके बच्चे की परवरिश अच्छी ना हो! सबकी यही कोशिश रहती है कि उनके बच्चे बेहतर परवरिश पाकर एक अच्छा इंसान बनकर दिखाएँ और इसके लिए वे काफ़ी प्रयास भी करते हैं।
ख़ैर इस बात को छोड़ दें क्योंकि आज हम बच्चों से संबंधित एक बेहद महत्वपूर्ण और नाज़ुक मामले को डिस्कस करने वाले हैं।जी हाँ, आज हम बात करेंगे कि जब बच्चे आपसे कुछ सामान्य लेकिन मुश्किल सवाल पूछते हैं तो उनके किस तरह जवाब देने चाहिए?
तो आइए देखते हैं बच्चों के कुछ मासूम मगर मुश्किल सवाल जो आपको दुविधा में डाल देते हैं और साथ साथ हम इस चीज़ पर भी चर्चा करेंगे कि आपको कितनी सावधानी से इस स्थिति से निपटना चाहिए।
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मैं कहाँ से आया हूँ
बच्चों के द्वारा पूछा जाने वाला सबसे मुश्किल सवाल यही है कि मैं कहाँ से आया हूँ? यक़ीनन यह सवाल सुनकर माँ बाप अक्सर चक्कर खा जाते हैं कि उन्हें क्या जवाब देना चाहिए। ज़्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि माँ बाप बच्चों से कहते हैं कि उन्हें एक फ़रिश्ता टोकरी में डालकर उनकी छत पर या उनके दरवाज़े पर रखकर गया था।
हम ये नहीं कह रहे हैं कि माँ बाप के द्वारा दिया गया इस सवाल का जवाब ग़लत है। यह बच्चे की उम्र पर निर्भर करता है। यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है और आपसे इस तरह का सवाल करता है तो आप एक बार कह सकते हैं कि हाँ वह फ़रिश्ते की टोकरी में ही आया था लेकिन यदि आपका बच्चा किशोरावस्था में प्रवेश कर रहा है तो ऐसे में आपको इस सवाल का जवाब बेहद सावधानी से देना होता है।
हो सके तो आप उसे बताएँ कि एक बायोलॉजिकल प्रॉसेस से गुज़रने के बाद वह इस दुनिया में आ पाया है।अगर आप उसे उस बायलॉजिकल प्रॉसेस के थोड़े बहुत हिंट भी दे सकते हैं तो भी सही रहेगा।
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मैं मम्मी पापा के पास क्यों नहीं सो सकता
अगर हम ये कहें कि जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाता है तो ऐसे में माँ बाप उसे घर के किसी अन्य सदस्य के पास सुलाने की कोशिश करते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन ज़ाहिर सी बात है कि बच्चा उन कारणों से बिलकुल अनजान हैं!
अगर आप का बड़ा होता बच्चा इस स्थिति से गुज़र रहा है और कभी यह सवाल कर बैठता है तो आप उसे इस तरह समझा सकते हैं कि दादा दादी को या जिसके पास बच्चा सो रहा हो उसे, बच्चे की बेहद ज़रूरत है। जिस तरह आप दोनों बच्चे को बेहद प्यार करते हैं ठीक उसी तरह वे भी बच्चे को बेहद चाहते हैं। इसका एक फ़ायदा यह भी होगा कि बच्चा भविष्य में घर के सदस्यों से एक मज़बूत बॉन्डिंग करने में सफल होगा।
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क्या रात में भूत आएगा
अगर आप अपने बच्चों को भूत का डर दिखाते हैं तो हम पहली फ़ुरसत में आपको यही सलाह देना चाहेंगे कि इस तरह बच्चों को डराना बिलकुल बंद कर दें। चलें अब बात करते हैं कि आप अपने बच्चों को भूतों का डर नहीं दिखाते हैं! इसका मतलब है कि आप नहीं चाहते हैं कि आपका बच्चा भूतों पर यक़ीन करें लेकिन क्या होता है जब आपका बच्चा आपसे पूछ बैठता है कि क्या रात में भूत आएगा? यक़ीनन आप उस वक़्त चौक जाएंगे लेकिन आपको ख़ुद को जल्दी संभालना होगा।
अगर आप अपने बच्चे के द्वारा इस तरह के सवाल का सामना करते हैं तो उसे एकदम आराम से समझाएँ कि भूत प्रेतों का अस्तित्व किसी भी दृष्टि से इस पृथ्वी पर संभव नहीं है। आप अपने बच्चे को यह कहकर मना सकते हैं कि इंसान का दिमाग़ सबसे ज़्यादा शक्तिशाली होता है और हम दिमाग़ के अनुसार ही चीज़ों को देखते और समझते हैं। इसका एक फ़ायदा यह होगा कि आपका बच्चा सकारात्मक चीज़ों को सोचना ज़्यादा चाहेगा ताकि उसे हर ओर सकारात्मकता का ही अनुभव हो सके।
इसके अलावा आपको बच्चों के द्वारा कई अन्य प्रश्नों का भी सामना करना पड़ सकता है। वैसे भी जब आप माँ बाप बनते हैं तो आप ख़ुद को इस ज़िम्मेदारी के लिए काफ़ी हद तक तैयार कर चुके होते हैं। बात जब बच्चों के प्रश्नों की आती है तो आप ख़ुद को इस तरह ज़्यादा बनाना चाहते हैं कि आप अपने बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा संतुष्ट कर सकें।
अगर आपको अपने बच्चों के द्वारा किसी अलग तरह के सवालों का सामना करना पड़ता है तो आप उन्हें हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। कमेंट बॉक्स के ज़रिए हमें अपने अनुभवों के बारे में बताना न भूलें।