1. पुरुषों के लिंग पर दाने या लाल चकत्ते हो जाना
2. पुरुषों के लिंग से द्रव का स्राव
3. सेक्स करते या पेशाब करने के दौरान जेनाईटल एरिया में दर्द होना
4. महिलाओं की योनि से बदबूदार द्रव का स्राव होना
5. योनि में खुजली व लालपन
6. थकावट, रात को पसीना आना, असामान्य रूप से वज़न घटना आदि
यहाँ पर जो लक्षण बताए गए हैं वो यौन संचारित रोगों (Sexually Transmitted Disease) में आमतौर पर पाए जाते हैं। ऐसा नहीं है कि इनमें से कोई भी लक्षण होने पर आपको यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) ही हो लेकिन यदि आपने अपने पार्टनर के साथ यौन संबंध स्थापित किया है और उसके बाद ऐसे लक्षण प्रतीत हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
यौन संचारित रोगों (Sexually Transmitted Disease) में कुछ रोग काफ़ी गंभीर और ख़तरनाक होते हैं इसलिए इस विषय को गंभीर रूप से लेना ज़रूरी है।

अगर आप यौन संचारित रोगों (Sexually Transmitted Disease) के विषय में जागरूक नहीं है और इस तरह के लक्षण प्रतीत होने पर भी कोई उपचार या डॉक्टरी परामर्श नहीं लेते हैं तो इसके भयंकर परिणाम आपको भुगतने पड़ सकते हैं। यौन संचारित रोगों (Sexually Transmitted Disease) का लंबे समय तक इलाज न होने की स्थिति में कैंसर, बाँझपन और अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं जिसके कारण व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
मुख्य यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease)-
1. एड्स (Sexually Transmitted Disease)
एड्स एक ऐसा यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) है जिसने लगभग हर व्यक्ति को डराकर रख दिया है। दरअसल ये एक ऐसा यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) है जिसका अब तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है।
ये रोग HIV वायरस से फैलता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में रोग के लक्षण काफ़ी समय बाद प्रकट होते हैं। कुछ स्थितियों में HIV के लक्षण पहले ही दिख जाते हैं और जाँच में इसके शुरुआती स्टेज में ही इसका पता लग जाता है।
इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता ख़त्म होने लगती है। व्यक्ति को बुख़ार होने लगता है। ये बुखार काफ़ी तेज़ होता है और व्यक्ति को जल्दी जल्दी बुखार और खाँसी जुकाम का सामना करना पड़ता है। एड्स से पीड़ित व्यक्ति का वज़न तेज़ी से घटना शुरू हो जाता है। एड्स से पीड़ित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इतना कमज़ोर हो जाता है कि जब कोई बीमारी उसके शरीर पर हमला करती है तो ऐसे में वह इससे लड़ नहीं पाता। नतीजा ये होता है कि उस बीमारी के कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है।
2. सिफ़लिस (Sexually Transmitted Disease)
सिफ़लिस लीज़ एक यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) है जो बैक्टीरिया के कारण फैलता है। सिफ़लिस को उपदंश भी कहा जाता है और इसका इलाज कराना आवश्यक होता है। सिफ़लिस के कारण शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जैसे थकान, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, शरीर के विभिन्न भागों में चकत्ते आदि। सिफ़लिस नामक यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) का इलाज होना ज़रूरी है अन्यथा इसके कारण ब्रेन डैमेज और मृत्यु तक हो सकती है।
3. गोनोरिया (Sexually Transmitted Disease)
इस बीमारी को “द क्लैप” के नाम से भी जाना जाता है। गोनोरिया बैक्टीरिया के कारण फैलता है। इस यौन संक्रमित बीमारी (Sexually Transmitted Disease) से ग्रस्त होने पर पुरुषों और महिलाओं दोनों के शरीर में कुछ सामान्य लक्षण जैसे पेशाब में जलन, लिंग या योनि से तरल या मवाद का निकलना, पेशाब में खून आना आदि दिखाई देते हैं। इसके अलावा स्त्रियों में कुछ अन्य लक्षण जैसे सफ़ेद डिस्चार्ज, कमर दर्द, योनि में खुजली, फैलोपियन ट्यूब में सूजन, आदि दिखाई देते हैं। वहीं दूसरी ओर पुरुषों के लिंग पर दाने उभर आते हैं।
बढ़ती उमर में रहें हेल्दी, क्लिक करें और देखें।
4. क्लैमाइडिया (Sexually Transmitted Disease)
क्लैमाइडिया बैक्टीरिया के कारण फैलने वाला रोग है जिसे यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) माना जाता है। ये भी असुरक्षित यौन संबंधों के कारण होता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कोई ख़ास असर नहीं होता है लेकिन जेनिटल एरिया में दाने, दर्द और बुखार हो जाता है। क्लैमाइडिया का इलाज कराना ज़रूरी है अन्यथा पेल्विक इफ्लेमेटरी डिज़ीज़, नवजात शिशुओं में अंधेपन तथा स्त्रियों में बांझपन आदि की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
Conclusion

यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) किसी भी व्यक्ति के लिए एक भयानक सपना हो सकते हैं लेकिन इसके बावजूद ये रोग तेज़ी से लोगों में फैलते है। इसका एक कारण ये है कि लोग यौन संचारित रोगों के प्रति जागरूक नहीं है।
दूसरा कारण काफ़ी महत्वपूर्ण है जो वास्तव में इसका ज़िम्मेदार है और वो ये है कि हम यौन संबंधी ज्ञान पर बात करने से हिचकिचाते हैं। हमारे समाज में आज भी सेक्शुअल हेल्थ को लेकर जागरूकता की कमी है क्योंकि हम सेक्स संबंधी टॉपिक पर बात कर ही नहीं पाते हैं।
जब भी यौन संबंधों पर बात की नौबत आती है तो ऐसे में हम या तो शर्म के मारे चुप रहते हैं या फिर हमें ये सिखाया गया होता है ये सारी चीज़ें गंदी है। वास्तव में यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) बहुत ख़तरनाक हैं और इसके लिए यह ज़रूरी है कि हम जागरूक हों।
इसलिए बेहतर है कि यौन संबंधी ज्ञान पर खुलकर बात की जाए और यदि आपके मन में इस टॉपिक से संबंधित कोई सवाल हो तो उसे आप हमारे साथ अवश्य साझा करें। ये स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है। इसके अलावा यदि ज़रूरत पड़े तो डॉक्टर के पास भी जाएं और बिना संकोच के अपनी समस्या को उनके सामने रखें।